रायगढ़

बटमूल आश्रम कालेज में ‘लोकतंत्र, गांधी और युवा‘ विषय पर एकदिवसीय संगोष्ठी

बटमूल आश्रम कालेज में ‘लोकतंत्र, गांधी और युवा‘ विषय पर एकदिवसीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन

– एकदिवसीय संगोष्ठी में रायपुर व रायगढ़ के विभिन्न आमंत्रित प्रमुख वक्ताओं ने रखे महत्वपूर्ण चिंतनशील विचार

– राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित हुआ एकदिवसीय संगोष्ठी

महापल्ली रायगढ़। बटमूल आश्रम महाविद्यालय महापल्ली के सेमीनार/कॉन्प्रेंस हॉल में विगत दिवस तकनीकी शिक्षा छ.ग. शासन के पूर्व संचालक डॉ. डी.एस. बल के मार्गदर्शन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में ‘‘लोकतंत्र, गांधी और युवा, लोकतंत्र, संविधान एवं गांधी जी, छत्तीसगढ़ के युवा अवसर एवं चुनौतियां वर्तमान परिपेक्ष्य में‘‘ विषयों पर एकदिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के प्रथम सत्र उद्घाटन का रहा जिसके विशेष अतिथि वरिष्ठ समीक्षक श्री मुमताज भारती रायगढ़ थे। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष ‘भूगोल‘ व रासेयो कार्यक्रम अधिकारी डॉ0 गजेन्द्र चक्रधारी ने संचालन करते हुए सर्वप्रथम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व कॉलेज के संस्थापक स्व. शशिधर पंडा जी को स्मरण करते हुए संगोष्ठी कार्यक्रम का शुभारंभ व अभिनंदन किया गया, तद्ोपरांत पूर्व संचालक तकनीकी शिक्षा छ0ग0 शासन डॉ. डी.एस. बल ने सर्वप्रथम संगोष्ठी के विषयवस्तु पर गहनता के साथ विवेचना करते हुए आमंत्रित विषय वक्ताओं का विस्तार से परिचय दिया। तत्पश्चात् विशेष अतिथि श्री मुमताज भारती रायगढ़ को ‘लोकतंत्र, गांधी और युवा‘ के विषय पर व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया। विशेष अतिथि भारती ने संक्षिप्त में लोकतंत्र, संविधान एवं गांधी पर अपने विचार स्पष्ट किये और वर्तमान में संगोष्ठी के विषय की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। आमंत्रित प्रमुख वक्ता श्री विनयशील, रायपुर ने ‘लोकतंत्र, संविधान एवं गांधी जी‘ विषय पर महाविद्यालय के संगोष्ठी में उपस्थित छात्र-छात्राओं से जुड़कर उनसे प्रश्न पूछकर संतोषपरख जवाब पाकर चिंतनशील और प्रभावकारी विचार अपने व्याख्यान में रखे। विनयशील ने कहा कि यदि हम आज जो सपना देख रहे है उस सपने को पूरा करने की आजादी अगर इस देश में मिली है तो वह लोकतंत्र की वजह से ही मिली है। कल्पना करो कि आप अगर लोकतंत्र के बजाए पूर्व में राजतंत्र में पैदा हुए होते और कोई राजा होता जो पूरा साम्रराज्य चला रहा होता तो राजा के बेटे को छोड़कर के कोई दूसरा राजा बनता या कोई आप में से रानी बनती नही परंतु आज आप जिस परिवेश और परिस्थिति में है वो है लोकतंत्र जिसमें अपने सपने पूरे करने की आजादी होती है। आगे उन्होंने ये भी कहा कि भारत में लोकतंत्र आने के बाद सभी एक नागरिकता के रूप में आपना स्वरूप पा लिये सभी को समान अधिकार प्रदान कर दिये गये जिसका संरक्षण दिशा निर्देशन मार्गदर्शन के रूप में संविधान की संरचना का निर्माण किया गया ताकि इसके द्वारा हमारे अधिकारों को कोई छिन न सके, कहते हुए अपने मनतव्य रखकर उपस्थित लोगों को प्रभावित किया। द्वितीय सत्र परिचर्चा दौरान व्याख्यान का विषय छ0ग0 के युवा, अवसर एवं चुनौतियां वर्तमान परिपेक्ष्य में‘ वक्तागण जिनमें सर्वप्रथम श्री सैयद परवेज, रायपुर ने उपस्थित छात्रों से प्रश्न पूछते हुए उनके उत्तर देते हुए कहा कि छ0ग0 में अकुट संसाधन व्याप्त है परंतु उचित संरक्षण युवा कौशल व तकनीकी ज्ञान के अभाव से उसका उचित उपयोग लेने में असक्षम होते है यही आज युवाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। सबसे पहले हम अपने अंदर स्कील को उभारें निश्चित ही आने वाला समय छ0ग0 के युवा संसांधन का होगा। चुनौतियां अशिक्षा के रूप में कुपोषण के रूप में हावी हो सकती है। हमें इन्हीं चुनौतियों का सामना करते हुए युवाओं को अवसर प्रदान करना होगा। वक्ताओं के क्रम में डॉ. सुश्री मंजीतकौर बल, रायपुर ने भी संचालन अंदाज में छ0ग0 के युवाओं को कई अवसरो व वर्तमान चुनौतियों के बारे में अगाह करते हुए इसका तोड़ भी बताया। वक्ता के रूप में रायगढ़ के सुप्रसिद्ध कैरियर कोचिंग संस्थान सहयोग अकादमी के संचालक व मार्गदर्शक मोहम्मद अबरार हुसैन ने संगोष्ठी में उपस्थित छात्रों को उनके कैरियर संबंधित तथा व्याख्यान विषय पर आधारित संबोधन में मार्गदर्शन देते हुए कहा कि आज युवाओं के पास सही लक्ष्य चुनने का अवसर है कई युवा सही जानकारी व उचित मार्गदर्शन के अभाव में अपने लक्ष्य से भटक जाते है। ज्यादातर युवाओं के आगे प्रमुख समस्या ये होती है कि हमें आगे जाकर के कौन सा क्षेत्र में आगे बढ़ना है। ये चुनौतियां छ0ग0 के युवाओं के अवसरों को कम करता है। आज मैं उन युवा छात्र-छात्राओं के लिए यही कहूँगा कि आप अपने रूचिकर विषय के अनुरूप ही अपना लक्ष्य हासिल करें। आज आपके सामने ढ़ेरसारे ंरोजगार के संभावनाएं व्याप्त है आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगन के साथ जुठे रहे आपको अपने लक्ष्य तक पहूँचने में कोई रोक नही सकेगा। एक दिवसीय संगोष्ठी कार्यक्रम में वक्ताओं द्वारा दिये गये व्याख्यान की समीक्षा, विशेष अतिथि श्री मुमताज भारती रायगढ़ ने किया और संक्षिप्त में सार को बतलाया कि लोकतंत्र, संविधान और गांधी जी के आदर्श सिद्धांत कितने प्रासंगिक है इन तीनों के संयुक्त रूप से हम बंधे रहकर जीवन उत्कर्ष के कई नये आयाम पा सकते है और समाज व देश को सही विकास की दिशा में अग्रसर करने में अपनी भूमिका निभा सकते है। इसके लिये युवाओं को आगा में अग्रसर करने में अपनी भूमिका निभा सकते है। इसके लिये युवाओं को आगे आना होगा। अंत में सचिव दशरथ गुप्ता के हाथों डॉ. डी.एस. बल के सौजन्य से आमंत्रित वक्ताओं को विमोचित पत्रिका को ‘स्मृतिचिन्ह् स्वरूप‘ प्रदान करते हुए सम्मानित किया। संगोष्ठी में आये हुए अतिथि वक्ताओं का और मार्गदर्शन व संगठन व्यवस्थापक के रूप में डॉ. दर्शन सिंह बल पूर्व संचालक छ0ग0 शासन तकनीकी शिक्षा व आरआईटीईई के विशेष सलाहकार के प्रति विशेष धन्यवाद प्राचार्य डॉ. पी.एल. पटेल ने ज्ञापित किया और कहा कि ऐसे आयोजन करने के लिए हमारे महाविद्यालय को हमेशा सुअवसर प्रदान करें, इससे छात्रों के ज्ञान में अभिवृद्धि होती है।

इस अवसर पर सागर विश्वविद्यालय म.प्र. के पूर्व रजिस्ट्रार प्रो. के.के. तिवारी, अध्यक्ष बटमूल शिक्षण समिति श्री टेकचन्द्र गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष बटमूल शिक्षण संचालन समिति बी.पी. प्रधान कोषाध्यक्ष रामावतार अग्रवाल पूर्व संयुक्त सचिव एन.आर. प्रधान, सदस्य श्री रमेश नंदे, सदस्य सूरेश शर्मा, श्री भीष्मदेव भोय, प्रो. पीके कापड़ी, प्रो. पीके गुप्ता, डॉ0 गजेन्द्र चक्रधारी, डॉ. गीता देवांगन, प्रो. के.के. गुप्ता, प्रो. करिश्मा यादव, प्रो. शशिका पात्रे, प्रो. प्रज्ञा विश्वाल, डॉ. गुंजा साहू, प्रो. अजय महतो, प्रो. भारती किसान, निशांत पण्डा, त्रिलोचन बरेठ, श्री बच्छ गुप्ता, श्रीमती यमुना मेहर, श्रीमती सुशिला यादव, सुमन किसान, तथा कॉलेज के समस्त छात्र-छात्राओं की विशेष उपस्थिति रही।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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