कलेक्टर सिंह ने बैठक में सुपरवाईजर्स से शिक्षक की भांति की वन टू वन चर्चा, कुपोषण मुक्ति के लिए दिए टिप्स
कलेक्टर सिंह ने महिला बाल विकास विभाग की ली समीक्षा बैठक
रायगढ़, हमारा प्रयास हो कि हम जिले के हर कुपोषित बच्चे तक पहुंचे और प्रत्येक गर्भवती माता आंगनबाड़ी तक आये, जिससे हम बच्चों में कुपोषण दूर करने के साथ गर्भवती माताओं को पोषण आहार उपलब्ध करवा पायेंगे। साथ ही सभी की स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग भी आसान हो सकेगी। उक्त बातें कलेक्टर श्री भीम सिंह ने महिला बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में कही।
बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने आज शिक्षक की भांति सभी आंगनबाड़ी सुपरवाईजर्स से उनके प्रभार क्षेत्र में कुपोषण मुक्ति के लिए किए जा रहे कार्यों की उनके समक्ष जाकर वन टू वन चर्चा की और कुपोषण मुक्ति के लिए उन्हें टिप्स दिए। समीक्षा के दौरान उन्होंने पिछले माह में कमजोर प्रदर्शन करने वाले सुपरवाईजर्स से कारणों की जानकारी ली और आगे बेहतर काम करने की समझाईश दी। साथ ही इस अवधि में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सुपरवाईजर्स से उन्होंने बेहतर रिजल्ट के लिए अपनाये गये नवाचार व प्रयासों को जाना। इन सुपरवाईजर्स ने बताया कि कुपोषित बच्चों की व्यक्तिगत मॉनिटरिंग, बाल संदर्भ शिविर में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण व गंभीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी में दाखिल करवाने जैसे प्रयासों से बच्चों के कुपोषण स्तर में सुधार दिखा। पुसौर व धरमजयगढ़ के अधिकारियों ने बताया कि महिला समूहों व जनप्रतिनिधियों को भी कुपोषण मुक्ति अभियान में सक्रिय सहभागी बनाया गया है। उनके द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य व खानपान की देखरेख में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जा रही है
कलेक्टर श्री सिंह ने इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि कुपोषण के लिए हमें निरंतर पूरी ऊर्जा से कार्य करना होगा। यह स्वास्थ्य के साथ-साथ जीवन शैली से जुड़ी समस्या है। अत: इसके लिए प्रोएक्टिव एप्रोच के साथ काम करने की आवश्यकता होती है। इस बीच कुछ सुपरवाईजर्स ने कुपोषित बच्चों के पालकों द्वारा दिए निर्देशों के समुचित पालन नहीं करने व गर्भवती माताओं द्वारा भी पोषण आहार के लिए आंगनबाड़ी नहीं आने की बात कही। कलेक्टर श्री सिंह ने इस पर एक सम्मेलन आयोजित करने के निर्देश दिए। जिसमें सभी से व्यक्तिगत रूप से चर्चा की जा सके। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े चिकित्सक भी शामिल होंगे, जो बच्चों की कुपोषण मुक्ति के साथ महिलाओं के सेहत से जुड़े सभी पहलुओं की जानकारी देंगे। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण टे्रकर एप में जानकारी अपलोड करने की बात भी कही। जिससे कुपोषित बच्चों की जानकारी नियमित रूप से एकत्रित होती रहे।
इस अवसर पर डीपीओ श्री टी.के.जाटवर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस. एन.केशरी, जिला महिला बाल विकास अधिकारी श्री अतुल दाण्डेकर सहित सभी सीडीपीओ, सुपरवाईजर तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
गंभीर कुपोषित बच्चों का करें डाईट टेस्ट, गर्भवती महिलाओं की जांचे हिमोग्लोबिन
कलेक्टर श्री सिंह ने आज बैठक में पोषण पुनर्वास केन्द्रों में गंभीर कुपोषित बच्चों के डाईट टेस्ट इस माह अंत तक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे हमें कुपोषित बच्चों के उपचार में प्राथमिकता तय करने में मदद मिलेगी। इसके लिए उन्होंने व्यापक तैयारी व एनआरसी के स्टॉफ को टे्रनिंग देने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा मेडिकल कालेज के शिशु रोग विशेषज्ञ को दिए। इसके साथ ही उन्होंने गर्भवती महिलाओं की हिमोग्लोबिन भी जांच करने के निर्देश दिए।
बच्चे पोषण आहार का करें नियमित सेवन
कलेक्टर श्री सिंह ने बैठक में बच्चों को दिए जा रहे पोषण आहार की जानकारी ली। उन्होंने बच्चों को अण्डे के सफेद भाग के साथ पीला हिस्सा भी अवश्य रूप से खिलाने के लिए कहा। जिससे कुपोषित बच्चों को प्रोटीन के साथ जरूरी वसा भी मिल सके। उन्होंने रागी लड्डू के वितरण की भी समीक्षा की और कहा कि सभी सुनिश्चित करें कि गंभीर कुपोषित बच्चे पोषण आहार का नियमित सेवन करें। साथ ही शिशुवती एनिमिक माताओं को भी भोजन उपलब्ध करवाने के निर्देश उन्होंने दिए।
कुपोषण मुक्त पंचायतों का मुख्यमंत्री श्री बघेल के हाथों होगा सम्मान
कलेक्टर श्री सिंह ने कुपोषण मुक्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों में पंचायत प्रतिनिधियों का सक्रिय सहयोग लेने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कुपोषण मुक्त पंचायत होना एक बड़ी उपलब्धि है तथा जो भी पंचायतें कुपोषण मुक्त होंगी उन्हें मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा सम्मानित करवाया जाएगा। उन्होंने रायगढ़ शहर को भी जल्द कुपोषण मुक्त बनाने के लक्ष्य के साथ काम करने के निर्देश शहरी टीम को दिए।
स्कूल, कालेजों में उपलब्ध करवाये सेनेटरी नैपकिन
कलेक्टर श्री सिंह ने पावना अभियान की प्रगति की समीक्षा भी बैठक में की। उन्होंने स्कूल, कालेजों में सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध करवाने तथा वहां भस्मक मशीन लगवाने के निर्देश दिए। उन्होंने पावना अभियान के तहत सेनेटरी नैपकिन के यूसेज को मॉनिटर करने तथा अब तक हुई इसकी कवरेज की जानकारी तैयार करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने एक अन्य सेनेटरी पेड प्रोडक्शन यूनिट भी जल्द शुरू करने के लिए कहा।