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आईसीएमआर और डीएफजी ने व्‍यवसाय के लेन-देन के समझौते से अवगत कराया

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और जर्मनी के डॉयशे फोर्सचुंग्सजेमइंशाफ्ट ई.वी (डीएफजी) के बीच दिसम्‍बर 2021 में हस्‍ता‍क्षरित और भारत सरकार (व्‍यवसाय के लेन-देन) नियम 1961 की दूसरी अनुसूची के नियम 7 (डी) (i) के अनुरूप समझौता ज्ञापन से अवगत कराया गया।

समझौता ज्ञापन के उद्देश्य: इसके अंतर्गत विष विज्ञान, उपेक्षित (उष्णकटिबंधीय) रोग, असाधारण रोग और आपसी हित के अन्य क्षेत्रों सहित चिकित्सा विज्ञान/स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग शामिल है। वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी विकास के क्षेत्र में सहयोग में वैज्ञानिक अनुसंधान परियोजनाओं के संयुक्त वित्त पोषण के साथ-साथ शोधकर्ताओं का आदान-प्रदान, संयुक्त संगोष्ठियों, संगोष्ठियों और कार्यशालाओं का वित्त पोषण शामिल है जो उच्च वैज्ञानिक मानक होंगे और वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण विज्ञान की प्रगति के लिए फायदेमंद होंगे।

वित्तीय प्रभाव: वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी विकास सहयोग में वैज्ञानिक अनुसंधान परियोजनाओं के संयुक्त वित्त पोषण के साथ-साथ शोधकर्ताओं का आदान-प्रदान, संयुक्त संगोष्ठियों, संगोष्ठियों और कार्यशालाओं का वित्त पोषण शामिल है जो उच्च वैज्ञानिक मानक होंगे और वैज्ञानिक दृष्टि से महत्‍वपूर्ण विज्ञान की प्रगति के लिए फायदेमंद होंगे।

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