जे एस पी एल फाउंडेशन की मदद से ब्लैक राइस खेती कर होगा खुशहाल किसान कई औषधीय गुणों से युक्त है शुगर.फ्री ब्लैक राइस

जे एस पी एल फाउंडेशन की मदद से ब्लैक राइस खेती कर होगा खुशहाल किसान
कई औषधीय गुणों से युक्त है शुगर.फ्री ब्लैक राइस
रायगढ़ धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में अब चांवल की कई प्रजातियों की परंपरागत धान की खेती के स्थान पर अन्य फसलों की ओर किसानो का रुझान बढ़ने लगा है फलस्वरूप जे एस पी एल फाउंडेशन द्वारा ब्लैक राइस की पैदावार लेने पांच गांव के गिनती के किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ह्रदय के लिए फ़ायदेमन्द होने के साथ साथ कोलेस्ट्रॉल की स्थिति को भी नियंत्रित करता है और कोरोना काल में शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर साबित हो रही है इसी कारण इसकी जबरदस्त डिमांड है। ब्लैक राइस को छत्तीसगढ़ में करियाझिनी के नाम से भी जाना जाता है।

जे एस पी एल फाउंडेशन द्वारा कृषकों को उन्नत व नवीनतम कृषि के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रम ष्खुशहाल किसानष् के अंतर्गत सयंत्र परिसर के आस.पास के गांव केराझर एडोंगाढकेल ए मुरालीपाली एखैरपुर एनेतनागर में शुरूआती दौर में 16 कृषकों को ब्लैक राइस के उन्नत किस्म की बीज वितरित किये गए हैं जिससे वे लगभग 10 एकड़ की कृषि.भूमि पर इसकी फसल लगाएंगे और ब्लैक राइस का उत्पादन करेंगे। गत वर्ष भी इसकी पैदावार के प्रति कृषकों का रुझान बढ़ाने और प्रयोग के बतौर ब्लैक राइस लगाए गए थे जिससे किसानों की आय बढ़ाई जा सके जिसे बेहतर प्रतिसाद मिला था और इस बार कृषकों ने स्वयं से ब्लैक राइस की खेती के प्रति रुझान जताया जिसे देखते हुए उन्हें प्रोत्साहित करने इसके सीड्स का निःशुल्क वितरण किया गया है। सामान्य खेती की तरह की तरह ब्लैक राइस की खेती भी दूसरे किस्मों की धान की तरह लगभग 120 से 130 दिनों में तैयार हो जाती है।
उल्लेखनीय है की काला चांवल कई औषधीय गुणों से युक्त है एइसमें आक्सीडेंट तत्व की वजह से आँख लिए फायदेमंद है वंही डायविटीज पेशेंट के लिए भी लाभदायी है। सामान्य धान की तरह ही इसकी खेती की जाती है और हाथों हाथ सामान्य धान की तुलना में कई गुना जयादा कीमत पर बिकने के कारण किसान इसे लगाने के प्रति बेहद उत्साहित हैं। आने वाले समय इसे बढ़ावा देने किसानों को और भी अधिक प्रेरित किया जाएगा ताकि इसका व्यवसायिक लाभ उठा सकें।




