कोरोना नियमों के पालन में दो गांवों में दिखी अलग अलग स्तर की गंभीरता, तो परिणामों में भी रहा फर्क
कोरोना नियमों के पालन में दो गांवों में दिखी अलग अलग स्तर की गंभीरता, तो परिणामों में भी रहा फर्क
पिछले 2 माह में एक गांव में संक्रमण के 71 केस तो दूसरे में एक भी मामला नहीं
रायगढ़-कोरोना की शुरुआत से अब तक लगातार शासन-प्रशासन द्वारा लोगों को कोरोना के लक्षणों और इससे बचाव के तरीकों के लिये हर जरूरी और संभव प्रयास कर जागरूक किया। लोगों के घर घर तक पहुंचे और रखी जाने वाली सावधानियों और सुरक्षा को लेकर संदेश दिया। लेकिन किसी भी बात को लेकर उसके प्रति रखे जाने वाले गंभीरता से यह तय होता है कि संदेश सार्थक सिद्ध होगा या उसके दुष्परिणाम सामने आएंगे। कोरोना को लेकर एक ही विकासखंड के दो गांवों ने इस बात को हमारे सामने रखा है कि आपकी गंभीरता कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। एक गांव है जहाँ पिछले दो महीने में 71 केस आ चुके हैं जिसमें 05 लोगों को अपनी जान भी गवानी पड़ी है। वहीं उसी विकासखंड का दूसरा एक ऐसा भी गांव है जहाँ पिछले दो माह में कोरोना संक्रमण का एक भी मामला नही है।
नियमों के पालन में दिखाई लापरवाही, बढ़े मामले, 05 ने गंवाई जान
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार जब विकासखण्ड बरमकेला के ग्राम सरईपाली में बड़ी संख्या में लोग कोविड पाजिटिव हुये तो कारण पता करने पर यह जानकारी मिली कि सरईपाली से 7 कि.मी. दूरी पर सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। जिसमें भारी भीड़ जमा हुई थी। उसी दौरान गांव का एक परिवार जो आयोजन में शामिल हुए थे उसके 4 सदस्यों को सर्दी, खांसी की समस्या हुयी। जिनका टेस्ट कराने पर सभी संक्रमित पाये गये। इनके कांटेक्ट ट्रेसिंग के बाद अन्य लोगों का टेस्ट किया गया तो संपर्क में आये एक दूसरे परिवार के तीन लोग पाजिटिव मिले। जिनमें से एक को मेडिकल कालेज में रिफर किया गया। इसके साथ ही लॉकडाउन नियमों का गंभीरता से पालन नहीं किया गया। उक्त आयोजन के पश्चात उस गांव में कोरोना संक्रमितों की संख्या 71 हो गई। जिसमें से अभी तक 05 लोगों का निधन हो गया है।
गांव बन गया एक परिवार, सबने मानी बात, इस लहर में कोई मामला नही
बरगांव बरमकेला विकासखंड में स्थित है। लगभग 12-13 सौ आबादी वाले इस गांव में इस लहर में कोई भी केस नही है। सरपंच श्रीमती दिगम्बरी मालाकार से इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि गांव में सभी घरों में लोगों को कोरोना से बचाव के बारे में जागरूक किया गया। पंचायत की ओर से लोगों को मास्क का महत्व और इसको पहनने का सही तरीका बताते हुए मास्क बांटे गए। लोगों को लगातार हाथ धोने की आदत डालने के लिये प्रेरित किया गया। गांव में लोगों से सामाजिक दूरी बनाए रखने की अपील की गयी। जिसमें पूरे गांववासियों का पूरा साथ मिला। सामाजिक कार्यक्रमों में निर्धारित संख्या में ही लोग शामिल हों यह सुनिश्चित किया गया। बाहर से आने वालों को गांव में प्रवेश से पहले जांच करवायी गयी और उन्हें क्वारेन्टीन में रखा गया। इस पूरे दौरान गांव ने परिवार की भांति काम किया। गांव के बुजुर्गों और प्रतिनिधियों ने परिवार के बड़ों की भूमिका निभायी और गांव को संक्रमण मुक्त रखने की रूपरेखा बनायी तो बाकी लोगों ने उसका अक्षरश: अनुसरण किया। जिसकी बदौलत हम इस दूसरी और अधिक संक्रामक लहर के प्रभाव में आने से बचे रहे।
यह सीख है कि हमें कौन सा नजरिया रखना है जिससे हम अपने प्रियजनों को स्वजनों को इस महामारी की चपेट में आने से बचा सके। संक्रमण के अंत के लिए वायरस की इस चेन को तोडऩा सबसे जरूरी है और इसके लिए हमे अपने सुरक्षा की चेन की हर कड़ी को एक समान मजबूत रखना होगा।