रायगढ़। रायगढ़ जिले के पुसौर ब्लाक के ग्राम लारा में लगे एनटीपीसी पावर प्लांट में अपनी जमीन जाने के बाद नियमानुसार नौकरी नही दिए जाने के मामले में एक युवक ने अपने परिवार सहित इच्छा मृत्यु की मांग राष्ट्रपति से की है। इस आशय का पत्र 17 मई को मुरलीधर थवाईत ने दिया है।
इस पत्र में मुरलीधर से लिखा है कि एनटीपीसी लारा योजना का भूमि अधिग्रहण सन् 2012-13 में किया गया है। इस समय नीति के आधार पर भू-विस्थापितों को नौकरी दिया जाना था जो कि शासन के नियमों मंे भी और दस्तावेजों रूप में प्रमाणित है जिसके तहत मेरी खसरा नं. 436,1 145,2 436,6 मुरलीधर थवाईत पिता ऋषि कुमार थवाईत ग्राम पोस्ट छपोरा तहसील पुसौर जिला रायगढ़ का एनटीपीसी लारा परियोजना में भूमि अधिग्रहण हुआ है। जिसके अंतर्गत में नौकरी पाने का पात्र हूं 2013 से 2021 इन 8 वर्षो के तहत मुझे बेरोजगार रखा गया जिससे मेरे एवं मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब हो गई जिसके कारण मै इच्छा मृत्यु की मांग कर रहा हूं।
मुरलीधर थवाईत का यह भी कहना था कि एनटीपीसी लारा परियोजना के लिए सन! 2012-13 में भूमि अधिग्रहण के समय यहां पर विलास मोहंती एचआर एजीएम के पद पर एचआर विभाग में पदस्थ थे जिनके द्वारा इस भूमि अधिग्रहण में अरबो रूपए का भ्रष्टाचार किया गया है जो कि वर्तमान में एनटीपीसी की छत्तीसगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय में पुनः पदस्थ हैं तथा तत्कालीन ईडी संजय मदान एवं सुजिता रथ डीजीएम एचआर एनटीपीसी लारा यह तीनों मिलकर षड़यंत्र कर नौकरी से उसे वंचित कर रहे हैं। जबकि जिला कलेक्टर भीम सिंह एवं भू-अर्जन अधिकारी उद्योग विभाग, श्रम विभाग एवं अन्य जिला प्रशासनिक अधिकारी की उपस्थिति में तत्कालीन ईडी संजय मदन, सुजिता रथ एवं अन्य एनटीपीसी अधिकारियों की बुलाई गई बैठक में मुझे पात्र बताया गया था।
इन सब के बावजूद एनटीपीसी के द्वारा उसे नौकरी नही दिया जा रहा है जिससे त्रस्त होकर पीड़ित मुरधीधर थवाईत ने परिवार सहित इच्छा मृत्यु के मांग करते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है।
क्या कहते हैं एनटीपीसी के अधिकारी
मुरलीधर द्वारा महामहिम राष्ट्रपति के नाम भेजे गए इच्छा मृत्यु मामले में एनटीपीसी के जन संपर्क अधिकारी अरूण मिश्रा का कहना है कि इस संबंध में उन्हें पूरी जानकारी नही है और भू-विस्थापित मामले का निपटारा हुआ है या नही इसकी जानकारी के लिए अधिकारियों से बात करने के बाद भी कुछ बताया जा सकेगा।