रेडियोवार्ता लोकवाणी की 16 वीं कड़ी में मुख्यमंत्री श्री बघेल की नारी शक्ति के साथ बातचीत का हुआ प्रसारण
जिलेवासियों ने उत्साहपूर्वक सुनी लोकवाणी
रायगढ़ – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की आज प्रसारित रेडियावार्ता लोकवाणी की 16वीं कड़ी में मुख्यमंत्री बघेल की मातृ शक्ति से माताओं-बहनों और बेटियों के साथ बातचीत का प्रसारण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा, उनकी शिक्षा, सेहत, स्वावलम्बन और आत्मसम्मान के लिए ठोस काम किए हैं। उन्होंने इन क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों पर विस्तार से लोकवाणी में चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति की भागीदारी से छत्तीसगढ़ में छोटी-छोटी योजनाओं, छोटी-छोटी पूंजी और थोड़ी-थोड़ी उद्यमिता को मिलाकर एक नई आर्थिक क्रांति का जन्म होगा और यह आर्थिक क्रांति विकास का एक टिकाऊ मॉडल बनकर पूरी दुनिया में नाम कमाएगा। वनांचलों और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के स्वावलंबन के लिए प्रारंभ की गई योजनाओं से महिलाएं बड़ी संख्या में स्वावलंबी बन रही हैं। ग्राम सुराजी योजना, गोधन न्याय योजना, लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर खरीदी और गौठानों में संचालित योजनाओं को माता-बहनों की भागीदारी से ही सफलता मिल रही है। रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के सफल संचालन के पीछे वास्तव में नारी की शक्ति होगी। मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में नारी शक्ति से कोविड-19 टीकाकरण में सहयोग का आव्हान करते हुए कहा कि टीकाकरण के बाद भी मास्क, सुरक्षित दूरी तथा हाथों को साबुन से बार-बार धोने जैसे उपायों का पालन करते रहना होगा। रायगढ़ सहित आसपास के लोगोंं ने आज एकजुट होकर रेडियो एफएम के माध्यम से उत्साहपूर्वक सुनी लोकवाणी कार्यक्रम।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन क्लीन सिटी परियोजना में 10 हजार महिलाओं को जोड़ा गया है। महिला स्व-सहायता समूह में एक लाख 85 हजार महिलाओं को जोड़कर उन्हें स्वावलंबन की गतिविधियों से जोड़ा गया है। घरेलू हिंसा से संरक्षण के लिए प्रत्येक जिले में नवा बिहान योजना के तहत संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। कन्या छात्रावास तथा आश्रमों में महिला होमगार्ड के 2200 नये पदों का सृजन किया गया है। नये बजट में 9 नवीन कन्या छात्रावासों की स्थापना का प्रावधान किया गया है। महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम के लिए 370 थानों में हेल्पडेस्क संचालित किए जा रहे हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य और सुपोषण के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिक, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, संजीवनी एक्सप्रेस, 102 महतारी एक्सप्रेस जैसी योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। जिनका लाभ महिलाओं को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से एक वर्ष में 1 लाख बच्चे कुपोषण से हुए मुक्त साथ ही 20 हजार महिलाओं को एनीमिया से निजात मिली। हर जिले में कन्या महाविद्यालय तथा कन्या छात्रावास खोलने का लक्ष्य तय किया गया है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में एक ही दिन में 3229 बेटियों के विवाह का कीर्तिमान बना।
मार्च माह का लोकवाणी कार्यक्रम मातृशक्ति को समर्पित
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने लोकवाणी में राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के हित में किए जा रहे कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि हम छत्तीसगढ़ की कल्पना ही छत्तीसगढ़ महतारी के रूप में करते हैं। छत्तीसगढ़ को मां के रूप में, मातृशक्ति के रूप में, देखने और समझने का विचार हमें अपने पुरखों से विरासत में मिला है। राज्य गठन के बाद हमें लगता था कि यह भाव और अधिक सम्मान पाएगा, इसे सार्थक बनाया जाएगा। राज्य सरकार ने डॉ.नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा रचित छत्तीसगढ़ी गीत अरपा, पइरी के धार, महानदी हे अपार, इंद्रावती ह पखारे तोर पइयां, महूँ पाँव परँव तोर भुइँया, जय हो-जय हो छत्तीसगढ़ मइया को राज्य गीत घोषित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह हमने महिलाओं के प्रति अपनी सरकार की प्राथमिकता को स्पष्टत: घोषित किया है। हमारे छत्तीसगढ़ में दंतेश्वरी-बम्लेश्वरी-महामाया-
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को आदर देने का संस्कार जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है उनके अधिकारों की रक्षा करना, उनकी शिक्षा, सेहत, स्वावलम्बन, आत्मसम्मान के लिए सतत् प्रयास करना। राज्य सरकार ने इस दिशा में ठोस काम किए हैं।
छत्तीसगढ़ में आंगनवाड़ी को नर्सरी-प्ले स्कूल के रूप में विकसित करने की शुरूआत
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में नारी शिक्षा व सुरक्षा को आगे बढ़ाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने तो आंगनबाड़ी के स्तर से ही शिक्षा की बुनियाद रखने की पहल की है। आमतौर पर आंगनवाड़ी को शिशुओं के पोषण आहार प्रदाय का केन्द्र माना जाता है, लेकिन हमने आंगनवाड़ी को नर्सरी-प्ले स्कूल के रूप में विकसित करने का काम शुरू किया है। महात्मा गांधी नरेगा में कन्वरजेंस से आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण किया जा रहा है। हर जिले में कन्या महाविद्यालय तथा कन्या छात्रावास खोलने का लक्ष्य रखा है, जहां नहीं है, उसके लिए हमने अपने तीनों बजटों में प्रावधान रखा है।
एक हजार माध्यमिक विद्यालयों तथा 74 कन्या छात्रावासों में बालिकाओं को जूडो-कराटे का प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक हजार माध्यमिक विद्यालयों तथा 74 कन्या छात्रावासों में बालिकाओं को जूडो-कराटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं तथा स्वच्छता दीदियों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। घरेलू हिंसा से संरक्षण के लिए प्रत्येक जिले में नवा बिहान योजना के तहत संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। शिक्षा का अधिकार के तहत 12 वीं कक्षा तक नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है, जिसका लाभ बालिकाओं को भी मिल रहा है। कन्या छात्रावास तथा आश्रमों में महिला होमगार्ड के 2 हजार 200 नए पदों का सृजन किया गया है। नए बजट में 9 नवीन कन्या छात्रावासों की स्थापना का प्रावधान किया गया है।
शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि और शिक्षकों के भविष्य की सुरक्षा के लिए शुरू की गयी स्थायी भर्ती
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के बाद पहली बार हमने स्थायी शिक्षक, शिक्षिकाओं की भर्ती के बारे में कहा था, जिसके दो प्रमुख कारण थे। एक तो शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि और दूसरा नौकरी कर रहे शिक्षकों के भविष्य की सुरक्षा। हमने लगभग 15 हजार पदों के विरुद्ध नियमित भर्ती की प्रक्रिया शुरू की तो कोर्ट से स्टे जैसी अनेक समस्याएं आ गई। मुझे खुशी है कि अंतत: सारी समस्याओं को हल करते हुए अब चयनित शिक्षक-शिक्षिकाओं को नियुक्ति पत्र मिलना शुरू हो गया है। जिन लोगों को नियुक्ति पत्र मिल गया है, उन सबको मैं बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। हमने दो वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले शिक्षाकर्मियों के नियमितीकरण का वादा निभाया है, जिसका लाभ हमारी बहनों को मिला है। मिशन क्लीन सिटी परियोजना में 10 हजार महिलाओं को जोड़ा गया है। पुलिसकर्मियों की भर्ती की रुकी हुई प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इसी तरह से विभिन्न विभागों में विभिन्न पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। मैं बताना चाहता हूं कि सरकारी सेवाओं में महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रहें, इसके लिए हमने यह व्यवस्था की है कि भर्ती, पदोन्नति, दस्तावेजों की छानबीन आदि कार्यों के लिए जो भी समितियां बनाई जाएंगी, उनमें एक महिला प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से रहेंगी। महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा सुनिश्चित की गई है।