टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर होगी कार्रवाई, राम मंदिर और सीजेआई पर अभद्र टिप्पणी को लेकर सरकार गंभीर
संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि राम मंदिर के फैसले और तत्कालीन सीजेआई पर अभद्र टिप्पणी करना एक गंभीर विषय है। इसको लेकर तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा पर उचित कार्रवाई करने पर विचार किया जा रहा है।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने सोमवार को लोकसभा में पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान महुआ मोइत्रा ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश के राम मंदिर के फैसले करने को लेकर अभद्र टिप्पणी की, जिसका भाजपा सदस्यों और सरकार की ओर से विरोध किया गया। लेकिन इसके बावजूद मोइत्रा ने इस बात को दोहराया था। महुआ ने कहा था कि दबाव में आकर गोगोई ने राम मंदिर का फैसला दिया था।
Raising the issue of Ram Mandir judgment & bringing the then CJI & other things, it's a serious matter & we're thinking of taking appropriate measure: Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi on TMC MP Mahua Moitra's remarks in Lok Sabha yesterday pic.twitter.com/qxSfQWgs9q
— ANI (@ANI) February 9, 2021
आरोप, न्यायापालिका अब पवित्र नहीं रह गई
टीएमसी सांसद ने केंद्र सरकार पर ‘कायरता को साहस के रूप में परिभाषित’ करने का आरोप लगाया था। महुआ ने सोमवार को कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून लाना, अर्थव्यवस्था की स्थिति, बहुमत के बल पर तीन कृषि कानून लाना इसके उदाहरण हैं। इसके बाद महुआ मोइत्रा ने सीजेआई पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि न्यायपालिका अब पवित्र नहीं रह गई है। केंद्र सरकार के दबाव में आकर फैसले किए जाते हैं।तृणमूल कांग्रेस सदस्य ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग सत्ता की ताकत, कट्टरता, असत्य को साहस कहते हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने दुष्प्रचार और गलत सूचना फैलाने को कुटीर उद्योग बना लिया है। लोकसभा में उनकी राम मंदिर और पूर्व सीजेआई को लेकर सरकार गंभीर है। जल्द ही महुआ मोइत्रा के खिलाफ कोई कार्रवाई हो सकती है।
आरोप, बहुमत के बल पर काम कर रही सरकार
तीन विवादित कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए मोइत्रा ने कहा था कि सरकार कृषि कानून लाई जबकि विपक्ष और किसान संगठन इन्हें किसान विरोधी बता रहे थे। उन्होंने कहा था कि इन्हें बिना आम-सहमति और बिना समीक्षा किए लाया गया तथा बहुमत के बल पर लाया गया। तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा था कि वह केंद्र में सत्तारूढ पार्टी से पूछना चाहती हैं कि क्या इस तरह से लोकतंत्र चलेगा, क्या एक पार्टी का शासन देश में चलेगा।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने उनकी टिप्पणी पर आपत्ति जताई और कहा कि इस प्रकार का उल्लेख नहीं किया जा सकता। वहीं, भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने नियमों का हवाला देते हुए इस पर आपत्ति व्यक्त की। इस पर पीठासीन सभापति एन के प्रेमचंद्रन ने कहा था कि अगर महुआ मोइत्रा की बात में कुछ आपत्तिजनक पाया जाता है, तो उसे रिकॉर्ड में नहीं रखा जाएगा।