शरद पवार की सचिन तेंदुलकर को सलाह- जब किसी भी दूसरे विषय के बारे में बोलें तो सावधानी बरतें
मुंबई: एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को सलाह दी कि जब वे किसी दूसरे फील्ड (विषय या मुद्दे) के बारे में बोलें तो उस दौरान सावधानी बरतें. शरद पवार की ये प्रतिक्रिया किसान आंदोलन को लेकर सचिन तेंदुलकर के ट्वीट के बाद आई है.
दरअसल, पॉप स्टार रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किया था. इसके बाद भारत की कई जानी मानी हस्तियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी. इसी कड़ी में सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट करते हुए कहा था, “भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता है. बाहरी ताकतें दर्शक हो सकती हैं लेकिन प्रतिभागी नहीं. भारतीय भारत को जानते हैं और भारत के लिए फैसला ले सकते हैं. आइए एक राष्ट्र के रूप में एकजुट रहें.”
इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार ने कहा, “उनके (भारतीय हस्तियों) द्वारा उठाए गए स्टैंड पर कई लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. मैं सचिन (तेंदुलकर) को सलाह दूंगा कि वे किसी अन्य क्षेत्र के बारे में बोलते हुए सावधानी बरतें.”
If senior leaders of the govt like PM, Defence Minister & Nitin Gadkari come forward and speak with them (agitating farmers), a solution can be found. If senior leaders take initiative, farmer leaders also need to sit with them: NCP chief Sharad Pawar
— ANI (@ANI) February 6, 2021
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “यदि पीएम, रक्षा मंत्री और नितिन गडकरी जैसे सरकार के वरिष्ठ नेता आगे आते हैं और उनके साथ (आंदोलनकारी किसानों) बात करते हैं, तो एक समाधान मिल सकता है. अगर वरिष्ठ नेता पहल करते हैं, तो किसान नेताओं को भी उनके साथ बैठने की जरूरत है.”
बता दें कि इससे पहले आरजेडी के शिवानंद तिवारी और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सचिन तेंदुलकर की आलोचना की थी. शिवानंद तिवारी ने तो यहां तक कह दिया कि सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न देना भारत रत्न का अपमान है.
गौरतलब है कि रिहाना, ग्रेटा थनबर्ग और दूसरे विदेश हस्तियों के ट्वीट पर कई भारतीय कलाकारों और खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की थी और कहा था कि देश को एकजुट रहने की जरूरत है. विदेश मंत्रालय की भी प्रतिक्रिया सामने आई थी. विदेशी हस्तियों के ट्वीट पर विदेश मंत्रालय ने कहा था कि प्रदर्शन के बारे में जल्दबाजी में टिप्पणी से पहले तथ्यों की जांच-परख की जानी चाहिए और सोशल मीडिया पर हैशटैग तथा सनसनीखेज टिप्पणियों की ललक न तो सही है और न ही जिम्मेदाराना है.