मृदुला सिन्हा को मरणोपरांत मिला पद्मश्री सम्मान, गोवा की पहली महिला राज्यपाल थीं
इस साल गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा को भी पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है। उन्हें मरणोपरांत ये सम्मान दिया गया है। पिछले साल नवंबर में उनका निधन हो गया था। वे लंबे वक्त तक जनसंघ से जुड़ी रही थीं।
मृदुला सिन्हा गोवा की पहली महिला राज्यपाल थीं। राजनीति के अलावा साहित्य की दुनिया में भी उनका नाम काफी था। उन्होंने 46 से ज्यादा किताबें लिखीं। उन्होंने विजयाराजे सिंधिया पर एक किताब लिखी थी, ‘एक थी रानी ऐसी भी।’ इस पर फिल्म भी बनी है।
मुजफ्फरपुर जिले के कांटी छपरा में 27 नवंबर 1942 को जन्मीं मृदुला जानी मानी हिंदी की लेखिका थीं। वे केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड, मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पूर्व अध्यक्ष व भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष रह चुकी थीं। उन्होंने जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व वाली ‘समग्र क्रांति में सक्रियता से भाग लिया था।
मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर करने के बाद बीएड की डिग्री हासिल की थी। मोतिहारी स्थित डॉ. एसके सिन्हा महिला कॉलेज में व्याख्याता के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत की थी।
मृदुला सिन्हा के पति डॉ. रामकृपाल सिन्हा जनसंघ में थे। इस वजह से घर में भी नेताओं का आना-जाना लगा रहता था। 1967 के चुनाव में धीरे-धीरे उनकी रुचि राजनीति में बढ़ती गई। 1980 में वह अटल बिहारी वाजपेयी की चुनाव संयोजिका थीं। इसके बाद महिला मोर्चा की प्रथम अध्यक्ष बनाई गईं।