कौशिल्या ने दी राम के लिए …
कौशिल्या ने दी राम के लिए ...
मेरी माँ कौशल्या चौधरी ने,कल राम मंदिर निर्माण हेतु निधि समर्पण अभियान के प्रथम दिन,01लाख रुपये की राशि समर्पित किया।राम हम सबके आस्था के केंद्र हैं।जब किसी समाज और संस्कृति को कोई हराकर राज करना चाहता है,तो सबसे पहले उसके आस्था के प्रतीकों को तोड़ता है,जिससे वह समाज हताशा और निराशा के अंधकार में डूबकर अपनी ऊर्जा खो दे।हर समाज की आस्था का केन्द्र होता है।राममंदिर का निर्माण हमारे समाज की आस्था को एक नई ऊर्जा देगा।और भारतीय आस्था और सोच से ही सारी दुनिया का कल्याण संभव है।क्योंकि सबके कल्याण के सर्वे भवन्तु सुखिनः का भाव भारतीय विचार में ही है।
राम हमारे जीवन के कण-कण और पल-पल में हैं।किसी से मिलने पर हम राम-राम करते हैं।यहां तक की मृत्यु के समय भी हम “राम” कहकर ही दुनिया छोड़ना चाहते हैं। छत्तीसगढ़ को राम का ननिहाल कहा जाता है और भगवान राम को छत्तीसगढ़ का भांचा।शायद इसीलिये हमारे छत्तीसगढ़ में भांचा को उमर में बड़े होने के बाद भी मामा द्वारा पांव छूने की परम्परा है।
हमारे छत्तीसगढ़ में राम जी का वनवास कटा है।वनवास के चौदह सालों में ही राम वन, पेड़, प्रकृति के साथ जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं।अपनी सेना,वानर-भालू से तैयार करते हैं।गिद्ध जटायु और पुल निर्माण में गिलहरी तक के महत्त्व को स्थापित करते हैं।शबरी और निषाद के प्रकरण में सामाजिक समरसता का संदेश देते हैं।वनवास के समय ही राम राक्षसों से लड़ते हैं।भगवान राम के वनवास का समय छत्तीसगढ़ का है और छत्तीसगढ़ के उनके इसी संघर्षपूर्ण जीवन ने,उन्हें ‘राजा राम’ से ‘भगवान राम’ बना दिया।भगवान राम और छत्तीसगढ़ की माटी को प्रणाम।
भारत में धनाढ्यों की कोई कमी नहीं।कई लोग अकेले ही मंदिर का निर्माण करा सकते थे।लेकिन ट्रस्ट ने 10 रुपये तक के कूपन से भी हर व्यक्ति की आस्था को जोड़ने और उसे सम्मानित करने की कोशिश की है।सबको आस्था के इस महायज्ञ का हिस्सा जरूर बनना चाहिये…
स्रोत
https://www.facebook.com/708844685796745/posts/4175294665818379/