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केवल किसान संगठन लेंगे आंदोलन का फैसला, बाबा लखा के सहारे हल निकालने की केंद्र की कोशिश को बड़ा झटका

केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच आज आठवें दौर की बातचीत होगी। इसमें केंद्र सरकार कृषि कानूनों को लागू करने या न करने का अधिकार राज्यों को देने का विकल्प किसानों के सामने पेश कर सकती है। इसी बीच, आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने नानकसर गुरुद्वारे के बाबा लखा की सहायता लेने की रणनीति भी अपनाई है, जिनका पंजाब के सिख समुदाय पर काफी अच्छा असर बताया जाता है।

लेकिन केंद्र की इस रणनीति पर किसान नेताओं ने यह कहकर पानी फेर दिया है कि किसानों के मुद्दे पर कोई भी निर्णय केवल किसान संगठन ही लेंगे। किसी दूसरे व्यक्ति को इसमें दखल देने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

किसान नेता गुरुनाम सिंह चढ़ूनी ने केंद्र से बातचीत के ठीक पहले कहा है कि किसान आंदोलन से जुड़ा कोई भी निर्णय केवल किसान संगठन और उसके नेता ही लेंगे। बाबा लखा का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि किसी भी अन्य व्यक्ति को इससे जुड़ा निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है और किसी अन्य व्यक्ति को इसमें हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए।

किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि सात जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर मार्च को देखते हुए केंद्र सरकार की नींद हराम हो गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की उम्मीद नहीं है कि आज की बातचीत के दौरान केंद्र सरकार कोई ठोस प्रस्ताव किसानों के सामने रख सकेगी।

लेकिन उन्हें आशंका है कि केंद्र सरकार यह आंदोलन 24-25 जनवरी तक खींचने की कोशिश कर सकती है। अंतिम समय में जाकर केंद्र सरकार बातचीत में कोई ठोस समाधान पेश कर सकती है। लेकिन तब तक बातचीत की यह प्रक्रिया चलती रहेगी। उन्होंने दावा किया कि गुरुवार के ट्रैक्टर मार्च में लगभग पांच हजार ट्रैक्टरों ने भाग लिया।

योगेंद्र यादव ने कहा कि वे अगले दो-तीन दिन हरियाणा में प्रवास करेंगे और किसानों के लिए यह निश्चित करने की कोशिश करेंगे कि हर किसान परिवार से कम से कम एक व्यक्ति 26 जनवरी के किसान आंदोलन परेड में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंचे। कोशिश होगी कि हर गांव से कम से कम पांच ट्रैक्टर दिल्ली आएं और हर जत्थे में कम से कम 11 महिलाएं शामिल हों। इस तरह केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाने की रणनीति अपनाने की तैयारी की जा रही है।

दरअसल, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को नानकसर गुरुद्वारे के प्रमुख बाबा लखावाल से बातचीत कर आंदोलन का हल निकालने की कोशिश की। सरकार चाहती है कि वे अपने धार्मिक प्रभाव का इस्तेमाल कर किसानों को आंदोलन खत्म करने के लिए तैयार करें।

सूत्रों के मुताबिक, बाबा लखा ने इसके लिए केंद्र सरकार के सामने कानूनों को लागू करने या न करने का अधिकार राज्यों को देने की बात कही थी। केंद्र सरकार इस पर सहमत हो सकती है और आज इसका प्रस्ताव किसानों के सामने बातचीत के दौरान रखा जा सकता है।

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