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पूर्वोत्तर को सौगात: गृह मंत्री शाह बोले- भाजपा की सरकार बनने के बाद कभी मणिपुर बंद नहीं हुआ

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को मणिपुर की राजधानी इंफाल पहुंचे। हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने उनका स्वागत किया। यहां उन्होंने मणिपुर विकास यात्रा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में, हमने कोई बंद नहीं देखा है। उन्होंने कहा कि छह सालों में, लगभग सभी सशस्त्र समूहों ने एक के बाद एक हथियार डाल दिए। यह प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि का परिणाम है।

पिछले तीन साल में राज्य में नहीं हुआ बंद
अमित शाह ने इंफाल में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘पहले मणिपुर नियमित रूप से अवरोधों के कारण जरूरी चीजों की कमी का सामना करता था। लेकिन पिछले 3 वर्षों में, हमने कोई बंद नहीं देखा है। मैं मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को सम्मानित करना चाहता हूं क्योंकि उन्होंने राज्य को एक नई पहचान दी है। पूर्वोत्तर अलगाववाद और हिंसा के लिए जाना जाता था। लेकिन पिछले 6 वर्षों में, लगभग सभी सशस्त्र समूहों ने एक के बाद एक हथियार डाले। हिंसा थम गई है। मुझे उम्मीद है कि शेष सशस्त्र समूह हिंसा से दूर रहेंगे और मुख्यधारा में शामिल होंगे। 6 साल पहले एनई इंडिया, जिसे इंसर्जेंसी हॉटबेड के रूप में माना जाता था, अब यह विकास का एक हॉटबेड बन गया है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की योजना और दूरदृष्टि का परिणाम है।’

मुख्यधारा में शामिल हुए आठ चरमपंथी समूहों के 644 कैडर
गृह मंत्री ने कहा, ‘मोदी जी ने पूर्वोत्तर में शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए। आठ चरमपंथी समूहों के 644 कैडरों ने 2,500 से अधिक हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया और मुख्यधारा में शामिल हुए। लंबे समय तक कांग्रेस ने पूर्वोत्तर में शासन किया, लेकिन कुछ भी नहीं किया। उन्होंने चरमपंथी समूहों से बात नहीं की। लोग मर रहे थे और विकास बाधित था। विकास के नाम पर, उन्होंने केवल ‘भूमि पूजन’ किया, लेकिन हमने उन परियोजनाओं का उद्घाटन किया।’

मोदी जी ने मणिपुर के मूल निवासियों को दिया इनर लाइन परमिट
शाह ने कहा, ‘मुझे कहते हुए गर्व हो रहा है कि प्रधानमंत्री ने साढ़े छह साल के अंदर पूर्वोत्तर भारत में विकास की बाढ़ लाने का काम किया है। मूल निवासियों के लिए इनर लाइन परमिट की मांग करते-करते मणिपुर वाले भूल गए थे, 2019 में मोदी जी ने तय किया कि इनर लाइन परमिट मणिपुर को न देना मणिपुर के मूल निवासियों के साथ अन्याय है और मांगे बगैर इनर लाइन परमिट देने का काम किया। पूरे पूर्वोत्तर में शांति बहाल हो और पूर्वोत्तर तेज गति से विकास के रास्ते पर चल सके इसके लिए मोदी जी ने ढेर सारी समस्याओं का निराकरण किया है।’

असम में कामाख्या मंदिर के दर्शन किए
इससे पहले गृह मंत्री ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्व सरमा के साथ रविवार को गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर के दर्शन किए थे। असम में उनके आगमन से सियासी हलचल तेज हो गई थी। इसकी वजह राज्य में अगले साल होने वाले चुनाव हैं।

 

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