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IISF में बोले मोदी, विज्ञान-तकनीक तब तक अधूरे जब तक इनकी पहुंच सब तक न हो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रधामंत्री ने विज्ञान और तकनीकी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह तब तक अधूरी है जब तक कि इसका लाभ और इसकी पहुंच समाज के हर वर्ग के लिए संभव न हो।

उन्होंने कहा कि स्कूलों में साइंस की ढांचागत व्यवस्था मजबूत हो रही है। इंजीनियरिंग कॉलेज पहसे से ज्यादा बेहतर बनाए जा रहे हैं। इंजीनियरिंग कॉलेजों में सुधार लाने की कोशिश की जा रही है। देश के बेस्ट टैलेंट को अपनी पसंद के क्षेत्र में रिसर्च करने का मौका दिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छात्र-छात्राओं के फायदे के लिए योजनाओं में बदलाव किया गया है। स्कूलों में साइंस को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में टेक्नोलॉजी का विस्तार हो रहा है, टेक्नोलॉजी ने गरीब को भी सरकार के साथ जोड़ा। आज भारत ग्लोबल हाईटेक क्रांति का केंद्र बना हुआ है।
हमारा जोर भारत को दुनिया का सबसे विश्वसनीय सेंटर बनाने पर है
उन्होंने कहा कि हमारा जोर भारत को दुनिया का सबसे विश्वसनीय साइंस सेंटर बनाने पर है। बीते छह साल में युवाओं को अवसरों से जोड़ने के लिए देश में साइंस और तकनीक के उपयोग का विस्तार किया गया है। यह भारत में अभाव और प्रभाव के गैप को भरने का बहुत बड़ा ब्रिज बन रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हाल में ही भारत ने वैभव समिट भी होस्ट की थी। महीने भर चली इस समिट में पूरी दुनिया से भारतीय मूल के वैज्ञानिकों और रिसर्चर को एक मंच पर इकट्ठा किया गया। इसमें करीब 23 हजार साथियों ने हिस्सा लिया, 700 घंटों से ज्यादा का डिस्कशन हुआ।
बदलावों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया अटल इनोवेशन मिशन
उन्होंने कहा कि  शिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे बदलावों को प्रोत्साहित करने के लिए अटल इनोवेशन मिशन भी शुरू किया गया है। ये मिशन एक प्रकार से इंक्वायरी को, इंटरप्राइज को, इनोवेशन को सेलिब्रेट करता है। त्योहार, उत्सव भारत की संस्कृति भी हैं और परंपरा भी, आज हम विज्ञान को सेलिब्रेट कर रहे हैं।

इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया था कि उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू महोत्सव के आखिरी दिन 25 दिसंबर को इसे संबोधित करेंगे। इस बार आईआईएसएफ-2020 का विषय ‘आत्मनिर्भर भारत और विश्व कल्याण के लिए विज्ञान’ रखा गया है।

उल्लेखनीय है कि इस महोत्सव का आयोजन वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंधित विजनाना भारती, बायोटेक्नोलॉजी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा किया गया है।

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