नया संसद भवन क्यों बन रहा है, क्या होगा पुराने का – जानिए सबकुछ
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को भारत की संसद की नई इमारत का शिलान्यास कर रहे हैं. जानिए नए संसद भवन के बारे में ज़रूरी जानकारियाँ –
कहाँ बन रहा है नया संसद भवन
नया संसद भवन मौजूदा संसद भवन के पास ही बन रहा है. ये एक तिकोनी इमारत होगी. मौजूदा संसद भवन वृत्ताकार है.
क्यों बनाया जा रहा है नया संसद भवन?
सरकार और अधिकारियों के अनुसार संसद के बढ़ते काम के कारण एक नई इमारत के निर्माण की ज़रूरत महसूस की गई. अभी का संसद भवन ब्रिटिश दौर में बना था जो लगभग 100 वर्ष (93 वर्ष) पुराना है और उसमें जगह और अत्याधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था नहीं है.
कब तैयार हो जाएगी नई इमारत ?
लोकसभा सचिवालय के अनुसार ऐसी उम्मीद की जा रही है कि नया संसद भवन अक्तूबर 2022 तक बन जाएगा. काम दिसंबर 2020 में शुरू करने की उम्मीद जताई गई है.
हालाँकि इसके निर्माण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. अदालत ने अभी केवल आधारशिला रखने की इजाज़त दी है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को इस बात का भरोसा दिया है कि इससे संबंधित याचिकाओं पर जब तक सुप्रीम कोर्ट अपना फ़ैसला नहीं दे देती तब तक सरकार किसी भी तरह के निर्माण या तोड़-फोड़ का काम नहीं करेगी.
नया संसद भवन कितना बड़ा होगा
अधिकारियों के अनुसार संसद के नए भवन में निचले सदन लोक सभा के 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है. नई इमारत में लोक सभा कक्ष भूतल में होगी.
वहीं उच्च सदन राज्य सभा के 384 सदस्य इसमें बैठ सकेंगे.
ऐसा भविष्य में सांसदों की संख्या में वृद्धि को ध्यान में रखकर किया गया है.
भारत में अभी लोक सभा में 543 और राज्य सभा में 245 सीटें हैं.
नए संसद भवन की संयुक्त बैठक के दौरान वहाँ 1272 सदस्य बैठ सकेंगे.
इसके अलावा नए संसद भवन में और क्या होगा?
अधिकारियों के अनुसार नए भवन में सभी सांसदों को अलग दफ़्तर दिया जाएगा जिसमें आधुनिक डिजिटल सुविधाएँ होंगी ताकि ‘पेपरलेस दफ़्तरों’ के लक्ष्य की ओर बढ़ा जा सके.
नई इमारत में एक भव्य कॉन्स्टीच्यूशन हॉल या संविधान हॉल होगा जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत को दर्शाया जाएगा. वहाँ भारत के संविधान की मूल प्रति को भी रखा जाएगा.
साथ ही वहाँ सांसदों के बैठने के लिए बड़ा हॉल, एक लाइब्रेरी, समितियों के लिए कई कमरे, भोजन कक्ष और बहुत सारी पार्किंग की जगह होगी.
इस पूरे प्रोजेक्ट का निर्माण क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर होगा. यह मौजूदा संसद भवन से 17,000 वर्ग मीटर अधिक होगा
मौजूदा संसद भवन का क्या होगा?
अधिकारियों के अनुसार मौजूदा संसद भवन का इस्तेमाल संसदीय आयोजनों के लिए किया जाएगा.
566 मीटर व्यास वाले संसद भवन का निर्माण 1921 में शुरू हुआ था. ये छह साल में बनकर तैयार हुआ था.
तब इसके निर्माण पर 83 लाख रुपए ख़र्च हुए थे.
इसका उद्घाटन 18 जनवरी 1927 को तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने किया था.
ब्रिटिश काल के इस संसद भवन का डिज़ाइन एडविन लुटियंस हर्बर्ट बेकर ने बनाया था.
नए संसद भवन के निर्माण पर कितना ख़र्च होगा
अधिकारियों के मुताबिक़ संसद की नई इमारत बनाने की लागत क़रीब 971 करोड़ रुपये होगी.
कौन बना रहा है नया संसद भवन
नई इमारत बनाने का ठेका टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को मिला है. उसने सितंबर 2020 में 861.90 करोड़ रुपये की बोली लगाकर ये ठेका हासिल किया था.
नया संसद भवन सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इस प्रोजेक्ट का खाका गुजरात स्थित एक आर्किटेक्चर फ़र्म एचसीपी डिज़ाइन्स ने तैयार किया है.
सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में और क्या होगा
संसद की नई इमारत के अलावा इस प्रोजेक्ट के तहत एक कॉमन केंद्रीय सचिवालय बनाया जाएगा. वहाँ मंत्रालयों के दफ़्तर होंगे.
साथ ही राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ को भी नया रूप दिया जाएगा.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार ऐसी संभावना भी है कि प्रधानमंत्री कार्यालय और उनके आवास को साउथ ब्लॉक के पास ले जाया जा सकता है.
वहीं उपराष्ट्रपति के आवास को नॉर्थ ब्लॉक के पास ले जाया जा सकता है. प्रोजेक्ट के तहत उपराष्ट्रपति का मौजूदा आवास उन इमारतों में आता है जिन्हें गिराया जाना है.
साथ ही नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को संग्रहालयों में बदल दिए जाने की योजना है.
पीटीआई के अनुसार प्रोजेक्ट के तहत केंद्रीय सचिवावय बनाने के लिए उद्योग भवन, कृषि भवन और शास्त्री भवन की इमारतों को तोड़ा जा सकता है.