
रायगढ़ — रायगढ़ नगर निगम द्वारा मरीन ड्राइव परियोजना के तहत जारी नोटिसों से चिंतित होकर वार्ड नंबर 29, प्रगति नगर, जेलपारा एवं कयाघाट के करीब 295 परिवारों ने प्रदेश के वित्त मंत्री एवं रायगढ़ विधायक ओ.पी. चौधरी को एक सामूहिक आवेदन सौंपा है। इस आवेदन में उन्होंने प्रस्तावित निर्माण से होने वाली संभावित बड़ी आबादी की बेघरता और सामाजिक असंतुलन को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है।
आवेदन पर स्थानीय पार्षद श्रीमती जानकी भारद्वाज सहित सैकड़ों नागरिकों के हस्ताक्षर हैं। इसमें उल्लेख किया गया है कि दिनांक 29 मई 2025 को नगर पालिक निगम रायगढ़ द्वारा 295 मकानों को नोटिस जारी किया गया, जिसमें मकान के नक्शे और निर्माण अनुमति की जानकारी 2 जून 2025 तक भवन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
निवासियों के अनुसार, जब उन्होंने नोटिस जारी करने के पीछे का कारण जानना चाहा, तो नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि यह “प्रस्तावित मरीन ड्राइव” के निर्माण की तैयारी है। इस निर्माण के चलते इन घरों को तोड़े जाने की आशंका प्रबल हो गई है। प्रभावितों का कहना है कि यदि यह योजना मौजूदा स्वरूप में क्रियान्वित हुई, तो आधे से अधिक वार्ड वासियों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ेगा, जिससे व्यापक सामाजिक और आर्थिक संकट उत्पन्न होगा।
🔹 पूर्व उदाहरण को लागू करने की मांग
आवेदन में सुझाव दिया गया है कि मरीन ड्राइव का निर्माण पूर्व में बनाए गए शनि मंदिर–कोष्टापारा–राजापारा मार्ग की तर्ज पर किया जाए, जिससे करीब 200 परिवारों को बेघर होने से बचाया जा सकता है। लोगों ने विधायक चौधरी से अपील की है कि वे इस विषय पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें और नगर निगम को वैकल्पिक योजना पर कार्य करने का सुझाव दें।
📣 जनहित की पुकार…
वार्ड 29 के रहवासियों ने यह स्पष्ट किया है कि वे नगर के विकास के विरोधी नहीं हैं, बल्कि चाहते हैं कि विकास जनता के सहयोग और हित में हो। उन्होंने ओ.पी. चौधरी से अपील की है कि वे इस गंभीर मसले को शासन-प्रशासन के समक्ष उठाएं और ऐसी नीति सुनिश्चित कराएं जिसमें स्थानीय नागरिकों का पुनर्वास और सुरक्षा भी सुनिश्चित हो।
यह मामला अब पूरे रायगढ़ नगर में चर्चा का विषय बन गया है और सभी की निगाहें विधायक चौधरी के फैसले और नगर निगम के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।