
चपले (राबर्टसन) –खरसिया विकास खण्ड के चपले राबर्टसन ग्राम बांयग चौक नंदेली रोड़ में नौ दिवसीय श्रीराम कथा के सातवें दिन राम-भरत मिलन का दिव्य प्रसंग जैसे ही मंच पर गूंजा, पूरा परिसर “जय श्रीराम” के नारों से गूंज उठा। कथा व्यास पंडित अजय उपाध्याय महाराज ने जब भरत की तपस्या और राम-प्रेम की अमरगाथा सुनाई, तो श्रोताओं की आँखें नम हो उठीं।
भरत: वो भाई जिसे भगवान ने कहा दुर्लभ

पंडित अजय उपाध्याय ने कहा, “जग जप राम राम जप जेहि” – जब भगवान स्वयं भरत जी का स्मरण करें, तो सोचिए उनकी भक्ति कितनी विराट होगी! तीर्थराज प्रयाग ने भरत को साधु कहा, भगवान ने लक्ष्मण से कहा कि भरत जैसा पवित्र भाई पूरे संसार में नहीं है।
राज नहीं राम चाहिए था भरत को

महाराज भरत को जब राम के वनगमन और पिता दशरथ की मृत्यु की खबर मिली, तो उनका हृदय विदीर्ण हो गया। उन्होंने माता कैकेई को फटकार लगाई, सभा में सत्य की गूंज भर दी। चित्रकूट पहुँचकर उन्होंने राम से राज्य नहीं, राम मांगा – लेकिन भगवान ने उन्हें अपनी खड़ाऊं सौंपकर वापस लौटाया। भरत ने उन्हीं पादुकाओं को सिंहासन पर रख 14 वर्षों तक राम के नाम पर राज चलाया – ऐसा उदाहरण इतिहास में दूसरा नहीं।
श्रोताओं की आँखों में आंसू,माहौल भक्तिमय

जैसे-जैसे कथा आगे बढ़ी, पंडाल में बैठे हजारों भक्त भावविह्वल हो उठे। हर शब्द जैसे हृदय को छू रहा था। राम-भरत संवाद के दृश्य में लोगों की आंखों से अश्रुधारा बह निकली।
श्रीराम कथा में भक्ति की बही सरिता, विधायक उमेश पटेल ने व्यासपीठ से की लोक मंगल की कामना

श्रीराम कथा का संगीत जब श्रोताओं के हृदय को छू रहा था, तब वातावरण दिव्यता से आलोकित हो उठा। चपले रॉबर्टसन में आयोजित संगीतमय श्रीराम कथा महोत्सव में जैसे भक्ति की सरिता बह रही थी, और हर कोई प्रभु श्रीराम के चरणों में लीन दिखा।

इसी पुण्य अवसर पर खरसिया विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक उमेश पटेल भी कथा श्रवण हेतु पावन स्थल पर पहुँचे। उन्होंने श्रद्धा भाव से राम रस का रसास्वादन किया और व्यासपीठ से प्रभु श्रीराम के श्रीचरणों में क्षेत्रवासियों के सुख, शांति और समृद्धि हेतु मंगल प्रार्थना की।

विधायक उमेश पटेल के संबोधन में भावनाओं की गूंज थी चाहे जो भी परिस्थिति आया श्रीराम कथा, शिव पुराण, श्रीमद्भागवत कथा का अविरलधारा चपले राबर्टसन ग्रामवासी,आयोजक परिवार,क्षेत्रवासी,का तपस्या है कि बारह वर्षों तक सफल आयोजन किया गया
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—उनका हर शब्द जनमानस के हृदय में उतरता चला गया। जैसे ही उन्होंने ‘जय सियाराम ‘हर हर महादेव, राधे राधे का जयघोष किया, पूरा पंडाल ‘जय सियाराम’ हर हर महादेव, राधे राधे के नारों से गूंज उठा। भक्ति, प्रेम और एकता का अद्भुत संगम उस क्षण उपस्थित जनसमुदाय ने अनुभव किया।

इस पावन आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं, संत-महात्माओं और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने इसे एक आध्यात्मिक पर्व का रूप दे दिया। आयोजन समिति द्वारा विधायक का आत्मीय स्वागत किया गया और उनके आगमन को आयोजनों की गरिमा बढ़ाने वाला बताया गया।
सकल सुमंगल दायक रघुनायक गुन गान ।सादर सुनहिं ते तरहिं भव सिंधु बिना जलजान ।।
श्रीराम कथा में देवाधिदेव महादेव की अद्भुत बारात,श्रद्धालुओं में उमंग की लहर
आज देवाधिदेव महादेव की बारात का भव्य दिव्य झांकी श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र रही। पारंपरिक वेशभूषा,बम-बम भोले के जयघोष और लोकसंगीत की गूंज के बीच शिव बारात का दृश्य मनमोहक रहा।

बारात में भोलेनाथ के साथ भूत-प्रेत,गण,नाग,योगी,साधु-संतों का अद्वितीय रूप देखने को मिला, जो पौराणिक वर्णन से मेल खाता था। रथ,घोड़े, ढोल-नगाड़ों के साथ जब बारात कथा स्थल पर पहुँची,तो श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर बारात का स्वागत किया।

कथा वाचक पंडित अजय उपाध्याय ने इस प्रसंग का मार्मिक वर्णन करते हुए बताया कि किस प्रकार महादेव ने विष पीकर जगत की रक्षा की और माता सती के जन्म के बाद, पार्वती स्वरूप में पुनः विवाह किया। यह प्रसंग शिव-पार्वती विवाह की आस्था और प्रतीकात्मकता को दर्शाता है।

कार्यक्रम के आयोजक करने वाला राम कराने वाला राम निवेदक श्रीवास परिवार ने बताया कि इस तरह की झांकियों से नई पीढ़ी को संस्कृति और धर्म के प्रति जागरूक करना उद्देश्य है।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन-पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे।
अतिथियों का आत्मीय स्वागत

आयोजक करने वाला राम कराने वाला राम, निवेदक श्रीवास परिवार ने सभी अतिथियों का आत्मीय स्वागत किया।

हजारों श्रद्धालुओं भोजन प्रदान कराते आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।
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