
रक्सापाली में खूनी हमला,तीन घायल, अब तक कार्यवाही शून्य…
खरसिया। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शादी की खुशियां उस वक्त मातम में बदल गईं जब रक्सापाली में डीजे की धुन पर झूम रहे बारातियों पर अराजक तत्वों ने जानलेवा हमला कर दिया। मामला बेहद गंभीर है—लाठी, डंडे हमला कर तीन लोगों को बुरी तरह ज़ख़्मी कर दिया गया, लेकिन प्रशासन अब तक चुप्पी साधे बैठा है।
घटना 11 मई की रात लगभग 11:30 बजे की है। ग्राम मुरा निवासी विष्णुदास महंत अपने परिवार के साथ रूपेश चौहान की बारात में शामिल होने रक्सापाली पहुंचे थे। जब बारात नाच-गाने के चरम पर थी,तभी कुछ आसामाजिक तत्व वहां पहुंचे और बारातियों से बदसलूकी करते हुए बोले – “कितना बड़ा डांस करने वाला है?” इसके बाद शुरू हुआ गाली-गलौच और फिर जानलेवा हमला।
तीन लोग पर हमला एक गंभीर रूप से घायल
इस हमले में विष्णुदास महंत के छोटे भाई के सिर और हाथ में गंभीर चोटें आईं, वहीं मयंक महंत और लुकेश दास महंत को भी बेरहमी से पीटा गया। पीड़ितों को डायल 112 की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चपले ले जाया गया, जहां से उन्हें रायगढ़ रिफर कर दिया गया। एक घायल के सिर में 18 टांके लगना बताया जा रहा हैं।
रिपोर्ट दर्ज,लेकिन कार्यवाही नदारद
पीड़ितों ने 11 मई को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई,0062/25 बीएनएस धाराओं में लेकिन अब तक किसी भी आरोपीतो की धरपकड़ गिरफ्तारी नहीं हुई है। गांव में तनाव का माहौल है, लेकिन जिम्मेदार चुप हैं।
बड़ा सवाल – किसके इशारे पर मौन है प्रशासन?
स्थानीय लोगों का आरोप है कि हमलावरों का संबंध सत्ताधारी दल से है, जिसकी वजह से कार्यवाही से कतरा रही है। सवाल उठता है –
- जब बारात में सैकड़ों लोग मौजूद थे,तो कुछ असमाजिक तत्व इतने बेखौफ कैसे हो गए?
- क्या स्थानीय लोग मूक दर्शक बने रहे?
- और सबसे अहम – क्या सत्ता का संरक्षण असामाजिक की ढाल बन चुका है?
अब जनता पूछ रही है – कब जागेगा प्रशासन?
रक्सापाली की घटना यह भी दर्शाती है कि आम नागरिक की सुरक्षा अब भगवान भरोसे है। अब देखना यह है कि जिम्मेदार आंख खोलता है या रसूखदारों के दबाव में आंखें मूंदे रखता है।
“बारात में डीजे तो बंद हो गया,लेकिन न्याय की आवाज कब बजेगी?” – यही सवाल आज क्षेत्र से उठ रहा है।




