
चपले (राबर्टसन), खरसिया – ग्राम चपले की पुण्य धरा में एक बार फिर दिव्यता,श्रद्धा और भक्ति की साक्षात अनुभूति का केंद्र बन गई जब यहाँ 2012 से चली आ रही धार्मिक परंपरा के अंतर्गत इस वर्ष भी श्रीराम कथा महोत्सव का आयोजन अत्यंत भव्यता और पवित्रता के साथ किया गया। श्रीवास परिवार द्वारा आयोजित यह आध्यात्मिक अनुष्ठान ग्रामवासियों और आस-पास क्षेत्र के श्रद्धालुओं के लिए आस्था और आनंद का महासागर बनकर उमड़ पड़ा।
कथा महोत्सव का शुभारंभ पवित्र वेद मंत्रों और मंगलाचरण के साथ हुआ। चित्रकूट धाम से पधारे सुप्रसिद्ध कथावाचक पंडित अजय उपाध्याय जी के मुखारविंद से जैसे ही श्रीराम कथा की अमृतवर्षा आरंभ हुई, समस्त वातावरण राममय हो गया। कथा सुनते ही उपस्थित जनसमूह भक्ति में भावविभोर हो उठा और पंडाल “जय सियाराम” के जयघोष से गूंज उठा।
कथा में श्रोताओं की महिमा का हुआ विशेष वर्णन
पंडित जी ने कथा के प्रारंभ में श्रोता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा – “श्रोता कथा के प्राण होते हैं।” उन्होंने श्रोताओं को चार श्रेणियों में विभाजित करते हुए बताया कि श्री राम कथा में श्रोताओं की महिमा का विशेष वर्णन अनेक स्थलों पर हुआ है। तुलसीदास जी की श्रीरामचरितमानस सहित अन्य रामकथाओं में यह बात स्पष्ट रूप से कही गई है कि कथा सुनने वाले श्रोता भी उतने ही पूजनीय होते हैं जितने कि कथा कहने वाले वक्ता…
श्रोताओं की महिमा के कुछ प्रमुख बिंदु:
- श्रवण से होता है कल्याण:
श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदासजी कहते हैं –
“श्रवण सकल सुखदायक राजा। सुनत श्रवण हरै सब ब्यथा।”
अर्थात रामकथा को श्रवण करने से सारे दुख दूर हो जाते हैं। - श्रोता बनते हैं पुण्य के भागी:
कथा श्रवण करने वाले व्यक्ति को तीर्थों के दर्शन, यज्ञ, दान और तप के फल के समान पुण्य प्राप्त होता है। - भाव महत्त्वपूर्ण है:
कथा का लाभ वही श्रोता उठा सकता है जो श्रद्धा, भक्ति और लगन के साथ इसे सुनता है। बिना श्रद्धा के श्रोता को कथा श्रवण का फल नहीं मिलता। - संतों के अनुसार:
अनेक संतों ने कहा है कि कथा कहने वाले को कथा कहने का सौभाग्य तभी मिलता है जब वहाँ योग्य, श्रद्धावान श्रोता हों। अच्छे श्रोता ही अच्छे वक्ता को बुलाते हैं। - उद्धारण:
काकभुशुंडि जी श्रीराम कथा को गरुड़ जी को सुनाते हैं, पर वे बार-बार श्रोताओं की योग्यता और श्रद्धा की प्रशंसा करते हैं। - भगवान स्वयं करते हैं श्रोताओं का सम्मान:
जब भगवान राम महर्षि वाल्मीकि की कुटी में जाते हैं, तो वे उनके कथाश्रवण से प्रसन्न होकर कहते हैं कि कथा को सुनने वाले स्वयं भगवान के प्रिय बन जाते हैं।
रामकथा में श्रोताओं की भूमिका केवल सुनने भर की नहीं होती, बल्कि वे भी कथा के अंग बन जाते हैं। उनकी श्रद्धा, विनम्रता और भक्ति कथा को सार्थक बनाती है।
उन्होंने यह भी कहा, “करने वाला भी राम है, कराने वाला भी राम है,श्रीवास परिवार केवल माध्यम है – प्रेरणा और शक्ति तो श्रीराम की ही है।”
संपूर्ण ग्राम क्षेत्रवासीगण ने निभाई सहभागिता
इस आयोजन की प्रेरणा श्रीवास परिवार ने सामूहिक रूप से ली, परंतु इसके सफल क्रियान्वयन में ग्राम चपले सहित आस-पास के समस्त क्षेत्रवासियों ने तन-मन-धन से सहयोग दिया। आयोजन की सफलता का श्रेय केवल एक परिवार नहीं, बल्कि पूरी ग्राम्य चेतना और श्रद्धा को जाता है।
दिव्य दरबार 13-15-17

इस धार्मिक आयोजन में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित होकर कथा का श्रवण कर रहे हैं। भक्ति संगीत, भजन संध्या, दीप आरती और प्रसाद वितरण ने इस आयोजन को एक आध्यात्मिक उत्सव का स्वरूप दे दिया है। 13, 15 और 17 तारीख को विशेष दिव्य दरबार जिसमें श्रद्धालु बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं ऐसा कृष्ण कुमार पटेल ने बताया ।
भावपूर्ण झांकियाँ….
कथा के दौरान श्रीराम जन्म, वनगमन, सीता हरण, हनुमान लीला, और रावण वध की जीवंत झांकियाँ प्रस्तुत की जाएगी, जिससे दर्शकों को कथा का साक्षात अनुभव हो रहा है। आयोजन में भंडारा सेवा से भी श्रद्धालु भाव-विभोर हो रहे हैं, जिसमें हर किसी को समरसता और प्रेमपूर्वक प्रसाद ग्रहण कर श्रीराम कृपा का अनुभव हो रहा है।
श्रीराम कृपा का अनुपम अवसर
यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि ग्राम चपले की एक जीवंत सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अभिव्यक्ति बन चुका है। यह वह अवसर है जब हर श्रद्धालु अपनी आत्मा को श्रीराम की कृपा से सराबोर कर सकता है।
सभी श्रद्धालुओं से आग्रह
श्रीवास परिवार,ग्राम चपले की ओर से सभी भक्तों से आग्रह किया गया है कि वे इस पुण्य आयोजन में सपरिवार सम्मिलित होकर धर्म, भक्ति और सद्भाव का संगम अनुभव करें और श्रीराम कथा के अमृत से अपने जीवन को पवित्र करें।
किसी कारणवश कथा स्थल नहीं पहुंच पा रहे हैं तों आप अपने मोबाइल से सीधा प्रसारण का उठा श्रीराम कथा के रसों का रसास्वादन कर पाएंगे ….
https://youtube.com/@panditajayupadhyayji?si=oYvUDPobMCw-J1Qc



