छत्तीसगढ़

हाथियों को भगाने भांजे के घर पहुंचे बुजुर्ग को उन्हीं हाथियों ने कुचलकर मार डाला…34 हाथी 2 दल में कर रहे विचरण

धमतरी. धमतरी जिले में स्थित सीतानदी-उदंती अभयारण्य के साल्हेभाट में 32 हाथियों के सिकासेर दल ने 70 वर्षीय बुजुर्ग बुधराम कावड़े को कुचल दिया। बड़ी बात तो ये है कि बुजुर्ग हाथियों को भगाने के लिए तंत्र-मंत्र करने अपने भांजे के घर 27 दिसंबर को पहुंचा था। जिन हाथियों को भगाने के लिए बुजुर्ग तंत्र-मंत्र करना चाह रहा था, उन्हीं के पैरों तले कुचलकर उसकी मौत हो गई। शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया है।

महुआ शराब की गंध ने हाथियों के दल को आकर्षित किया और वे वहां पहुंच गए। हाथियों ने उसके घर को भी तोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने बुधराम को सूंड से लपेटकर दूर फेंक दिया और पैरों से कुचलकर मार डाला। इस घटना से आधे घंटे पहले ही बुधराम को बचाने के लिए वन विभाग की निगरानी टीम साल्हेभाट पहुंची थी, लेकिन वो कमरे में छिप गया था। बुधवार को सुबह करीब 4 बजे नग्न हालत में उसकी लाश खेत में मिली। हाथियों के कुचलने से उसके एक पैर के चिथड़े हो गए थे। उसका चेहरा भी कुचला हुआ था। खेत में लगी सब्जी की फसल को भी हाथियों ने रौंद डाला।

सीतानदी-उदंती अभयारण्य के एसडीओ बीके लकड़ा ने बताया कि घटना 27 दिसंबर को रात करीब 7.30 बजे से 8.30 बजे के बीच की है। खल्लारी निवासी बुधराम कावड़े के भांजे का घर साल्हेभाट में है। 2 दिन पहले सिकासेर हाथियों का दल गांव में पहुंचा था। उन्होंने धान की फसल को जमकर बर्बाद किया। तंत्र-मंत्र से हाथियों को भगाने की बात कहकर बुधराम 27 दिसंबर को ही अपने भांजे के घर पहुंचा। उसने अपने भांजे और अन्य रिश्तेदारों को खल्लारी भेज दिया। उनके घर में महुआ काफी मात्रा में बनती थी, जिसके कारण हाथियों का दल आकर्षित हो गया। हाथियों का दल जब उनके घर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर था, तो भांजे और अन्य रिश्तेदारों ने बुधराम को भी वहां से निकलने के लिए कहा, लेकिन वो नहीं माना, जिसके बाद वे सभी बुधराम को छोड़कर खल्लारी निकल गए।

इधर भांजे को कुछ अनहोनी की आशंका थी, इसलिए उसने वन विभाग को मामले की जानकारी दी और बुधराम की जान बचाने को कहा। वन विभाग की टीम गजराज वाहन से बुधराम को लाने साल्हेभाट भी गई, लेकिन वह घर में छिप गया। उस वक्त घर से 100 मीटर दूर हाथियों का दल मौजूद था। अंधेरा हो चुका था, इसलिए अनहोनी की आशंका पर वन विभाग की टीम गांव से निकल गई। इसी बीच हाथियों का दल बुधराम के भांजे के घर पहुंचा और उसे मार डाला।

परिजन को मिली 25 हजार की सहायता राशि
बुधवार को घटना स्थल पर सीतानदी-उदंती टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन, धमतरी डीएफओ मयंक पांडे, एसडीओ बीके लकड़ा सहित वन विभाग के अन्य अफसर और स्थानीय जनप्रतिनिधि, सरपंच मौके पर पहुंचे। मृतक के परिजन को 25 हजार की सहायता राशि दी गई है।

हाथियों का इलाके में डेरा
जानकारी के मुताबिक, साल्हेभाट सहित आसपास बड़ी मात्रा में महुआ शराब बन रही है। इसके गंध के चलते हाथी करीब 10 दिन से इलाके में डेरा जमाए हुए हैं। हाथियों को महुआ की गंध और स्वाद बहुत पसंद होता है, इसलिए वे लगातार बस्ती में पहुंच रहे हैं। वन विभाग ने फिलहाल संतबाहरा, खल्लारी, मांदागिरी, उजरावण, फरसगांव, साल्हेभाट, बोराई, नवागांव, अरसीकन्हार, रिसगांव, मोहकोट, आमझर, एकावारी, गाताबाहरा, जोगीबिरदो, लिखमा, चमेंदा सहित 20 गांवों में अलर्ट जारी किया है। 24 दिसंबर को घुटकेल और ओडिशा बॉर्डर पर सिवनापाली में 75 वर्षीय बुजुर्ग केजूराम गोंड को हाथियों ने मारा था। सालभर में हाथियों के हमले से यह 10वीं मौत है। सबसे ज्यादा नगरी ब्लॉक में 8 लोगों की जान गई है।

हाथियों को कॉलर आईडी लगाना इसलिए जरूरी
जिले में 34 हाथी 2 दल में विचरण कर रहे हैं। वन विभाग के अफसरों को हाथियों का सही लोकेशन नहीं मिलती। लापरवाही के कारण हाथी के बच्चे की मौत भी जिले में हो गई है। कोई बड़ी घटना न हो, हथियों के दल की सतत निगरानी हो सके, इसलिए कॉलर आईडी पहनाने की जरूरत है। भविष्य में यह जानवर जिले को अपना रहवास बना सकते हैं, इसलिए हाथी जिले का जंगल नहीं छोड़ रहे हैं।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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