पर्यावरण और श्रम नियमों उड़ रही धज्जियां…
रायगढ़. जिले के उद्योगीक क्षेत्र में नदी तट,रिहायशी क्षेत्र में फ्लाई ऐश ब्रिक्स प्लांट का संचालन नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण के नियमों की अवहेलना करते हुए उद्योग को संचालित किया जा रहा है। इसके अलावा श्रम विभाग और औद्योगिक स्वास्थ एवं सुरक्षा विभाग के निर्देशों और आदेशों को भी संचालक के द्वारा दरकिनार करके अपने संस्थान को संचालित किया जा रहा है रिहायशी क्षेत्र में उद्योग का संचालन होने से स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पर्यावरण नियमों का उल्लंघन
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों की माने तो फ्लाई ऐश ब्रिक्स के संचालन के लिए पर्यावरण संरक्षण अधिनियम वायु अधिनियम का पालन करना अनिवार्य है। लेकिन क्षेत्र के फ्लाई ऐश ब्रिक्स के संचालक के द्वारा बिना प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था किए बगैर ही उद्योग का संचालन किया जा रहा है और बोर्ड के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। उद्योग के संचालन में आस-पास के क्षेत्र का पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है लेकिन उद्योग संचालक को इसकी कोई परवाह ही नहीं है।
मजदूरों की सुरक्षा पर सवाल
संचालक के द्वारा श्रम विभाग के नियमों का भी उल्लंघन करते हुए मजदूरों का शोषण किया जा रहा है। कार्य करने वाले मजदूरों को शासन द्वारा निर्धारित मिनिमम बेजर्स एक्ट से भी कम राशि का भुगतान किया जा रहा है। प्लांट में काम करने वाले मजदूरों से सुरक्षा उपकरणों के बगैर ही कार्य कराया जा रहा है। औद्योगिक स्वास्थ एवं सुरक्षा निदेशालय के नियमों का भी उल्लंघन उक्त संस्थान में किया जा रहा है। प्लांट में काम करने वाले मजदूर धूल एवं डस्ट के चलते रिहायशी क्षेत्र में संचालन से बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
खनिजों का बिना अनुमति भंडारण
मीडिया को मिली जानकारी के मुताबिक क्षेत्र के फ्लाई ऐश ब्रिक्स में निर्माण के लिए खनिज विभाग से बिना अनुमति के ही रेत एवं अन्य खनिजों का भारी मात्रा में भंडारण किया गया है जो कि नियम विरुद्ध है। उक्त संस्थान में चोरी की रेत एवं अन्य खनिज भी खपाया जा रहा हैं लेकिन विभागीय अधिकारियों ने अभी तक उक्त प्लांट के संचालक के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की है।