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देश में अब तक नहीं आई वैक्सीन, पर वीआईपी लोग अभी से टीकाकरण के लिए बना रहे नौकरशाहों पर दबाव

देश में कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर सरकार ने तीन कंपनियों को ऑर्डर दिया हुआ है। हालांकि, अभी तक देश में वैक्सीन आई नहीं है, लेकिन इसे लेकर वीआईपी लोगों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई है। इसे देखते हुए महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक प्राप्त करने के लिए किसी भी राजनेता या प्रभावशाली व्यक्ति को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी।

स्वास्थ्य मंत्री की टिप्पणी कुछ नौकरशाहों द्वारा कुछ प्रभावशाली राजनेताओं और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के वैक्सीन के पहले प्राप्तकर्ताओं में शामिल करने के लिए बनाए जा रहे दबाव के बारे में मिल रही शिकायतों के मद्देनजर आई है।
मंत्री राजेश टोपे ने कहा, हालांकि, मुझे ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। मैंने सभी जिला प्राधिकारियों को एक संदेश भेजा है कि अगर वे इस तरह के अनुरोध प्राप्त करते हैं तो सीधे मेरे पास आएं। उन्होंने कहा, सरकार फ्रंटलाइन वर्कर्स की सूची तैयार कर रही है और केवल उन्हें ही पहली खुराक दी जाएगी। यह सूची अगले सप्ताह तक तैयार हो जानी चाहिए।

दरअसल, पुणे में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुछ राजनेता नियमित रूप से वैक्सीन परीक्षणों के अपडेट को लेकर उनके संपर्क में थे, लेकिन अभी तक किसी ने भी स्वेच्छा से परीक्षण के लिए उम्मीदवार होने की बात नहीं कही है।

बता दें कि ड्यूक यूनिवर्सिटी के ‘लॉन्च एंड स्केल स्पीडोमीटर’ के एक विश्लेषण से पता चला है कि भारत ने तीन वैश्विक वैक्सीन उम्मीदवारों के साथ सौदे किया है। भारत ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की 500 मिलियन (50 करोड़), अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स इंक की एक बिलियन (एक अरब) और रूस के गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार की गई स्पुतनिक-वी वैक्सीन की 100 मिलियन (10 करोड़) खुराक का ऑर्डर दिया है।

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