छत्तीसगढ़ में प्रतिबंध के बावजूद मादक पदार्थों की बिक्री क्षेत्र के विभिन्न गांवों में हो रही है। इलाके में कई दुकानों पर आसानी से उपलब्ध होने के कारण युवा नशा कर बर्बाद होते जा रहे हैं। बसे-बसाए घर उजड़ जा रहे हैं। सब कुछ जानने के बावजूद जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कर्मचारी खामोश हैं।
खरसिया। प्रतिबंध के बावजूद मादक पदार्थों की बिक्री क्षेत्र विभिन्न गांवों में धड़ल्ले से हो रही है। इलाके में कई दुकानों पर आसानी से उपलब्ध होने के कारण युवा नशा कर बर्बाद होते जा रहे हैं। बसे-बसाए घर उजड़ जा रहे हैं। सब कुछ जानने के बावजूद जिम्मेदारो के जिम्मेदारी में बड़ी झोल-झाल हैं।
गांजे की कश लगाने वाले में गरीब ही नहीं ऊंची सोसाइटी के युवा भी शामिल हैं। हालांकि गांजा की बिक्री पर रोक लगाने की जिम्मेदारी विभाग की होती है। इस विभाग के लोग शायद कभी छोटे गांव को रुख नहीं कर पाते हैं। हां इलाकाई पुलिस जरूर अपनी दखल रखने की कोशिश बना रखती है। सिपाहियों की बीट स्तर पर नेटवर्क, चौकीदारों के इलाकाई होने से विभाग को सब कुछ पता होता है। इतना कुछ के बावजूद प्रतिबंधित होने के बावजूद गांजे की बिक्री समझ से परे है। गांजा पुड़िया में बांधकर कुछ खास गलियों में खुलेआम बेची जा रही है। नशे का आदि युवा वर्ग नशे की लत पूरी करने के लिए जरायम की ओढ़ कदम बढ़ाने से भी नहीं चूकते हैं। जिम्मेदार बस यही कह कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं, गांजा की बिक्री की शिकायत नहीं मिली है। हालांकि अभियान चलाकर अवैध मादक पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाएं जानें की आवश्यकता है।