रीवा 160 फीट गहरे बोरवेल में फंसा आदिवासी बच्चा…
रेस्क्यू टीमों ने रातभर में खोदा 60 फीट गड्ढा, मां बेहोश
रीवा के त्योंथर क्षेत्र में शुक्रवार शाम बोरवेल में गिरे 6 वर्षीय आदिवासी बच्चे को बाहर निकालने का प्रयास पिछले 14 घंटे से जारी है। रेस्क्यू टीम रातभर भर जुटी रहीं। बोरवेल के समानांतर 60 गहराई तक खुदाई की जा चुकी है। बच्चा शुक्रवार शाम साढ़े तीन बजे 160 फीट गहरे बोरवेल में गिरा था। रेस्क्यू का काम शाम करीब पांच बजे शुरू हुआ। बच्चे की नानी निर्मला का कहा, उन्हें भगान पर पूरा भरोसा है।
मिली जानकारी के अनुसार घटनाक्रम रीवा से 90 किमी दूर जनेह क्षेत्र के मनिका गांव का है। बच्चे का नाम मयंक (6) पिता विजय आदिवासी है। जनेह थाना प्रभारी कन्हैया बघेल ने बताया कि बोरबेल 160 फीट गहरा है। जेसीबी मशीन की मदद से गड्ढा खुदवाकर बच्चे को निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
मां की तबीयत बिगड़ गई, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
बच्चे की बदहवास मां शीला आदिवासी मासूम बेटी को गोद में लेकर रातभर घटनास्थल पर बैठी रही। सुबह उसकी अचानक तबीयत बिगड़ गई। आसपास मौजूद लोगों ने ढाढ़स बंधाया और डॉक्टरों ने जरूरी दवाएं दी। मयंक के अन्य परिजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल है। दादा हिन्चलाल और नानी निर्मला आदिवासी ने कहा, भगवान पर भरोसा है। वह मयंक की मदद करेंगे।
कैमरे में नहीं दिख रहा बच्चे का मूवमेंट,08 जेसीबी से खुदाई
मयंक को सुरक्षित बाहर निकालने बोरवेल के समानांतर 08 जेसीबी मशीनों से खुदाई कर रही हैं। फिलहाल, बच्चे का कोई मूवमेंट दिखाई नहीं दे रहा। बताया गया कि मिट्टी गिरने से वह और गहराई में चला गया। रात भर हुई रिमझिम बारिश भी रेस्क्यू में खलल डालती रही। स्थानीय विधायक सिद्धार्थ तिवारी,कांग्रेस की लोकसभा प्रत्याशी नीलम मिश्रा और कलेक्टर प्रतिभा पाल सहित अन्य आला अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।