छत्तीसगढ़

राज्य में पहली बार लागू होगी अहाता पॉलिसी,अप्रैल में टेंडर, बैठने और खाने की भी करनी होगी व्यवस्था,एसी या कूलर लगाना भी जरुरी…

  राज्य सरकार पहली बार शराब दुकानों के लिए अहाता पॉलिसी लाने जा रही है। अहाता चलाने के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड टेंडर करेगी। इसमें लाइसेंस की राशि निर्धारित की जाएगी। जिसे भी टेंडर मिलेगा, उसे अहाता चलाने के लिए लाइसेंस दिया जाएगा। इससे सरकार को शराब के अलावा 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। 

सूत्रों के अनुसार अप्रैल से नई अहाता पॉलिसी लागू हो जाएगी।

आबकारी अधिकारियों ने बताया कि पिछली सरकार में भी अहाता पॉलिसी पर काम किया गया था, लेकिन लागू नहीं हो पाया। नेताओं और अधिकारियों ने अपने ​करीबी लोगों को अहाता दे ​दिया था। इससे सरकार को किसी तरह के राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही थी। अधिकांश शराब दुकानों के पास अवैध अहाता खोले लिए गए थे। सरकार अब अहाता चलाने के लिए सिस्टम बना रही है।

अहाते के लिए चुकाने होंगे 2 से 3 करोड़ रुपए आबकारी अधिकारियों ने बताया कि अहाता चलाने के लिए लाइसेंस दिया जाएगा। अभी जो पॉलिसी बनाई जा रही है, उसके तहत 2 से 3 करोड़ रुपए अहाता चलाने वाले को देना होगा। दुकान की सेलिंग जितनी होगी, उसके अनुसार प्रतिशत तय किया जाएगा। इसे 12 किस्तों में देना होगा। लाइसेंस एक साल के लिए दिया जाएगा। अहाता पॉलिसी लागू होने के बाद शराब दुकान के 100-150 मीटर की परिधि में कोई दूसरा व्यक्ति चखना सेंटर नहीं खोल सकेगा।

बता दे कि छत्तीसगढ़ में शराब के सरकारी कारोबार से हर साल आबकारी विभाग को हजारों करोड़ की कमाई होती है। राज्य में हर साल पीने वालों की बढ़ती संख्या से भी कमाई बढ़ रही है। सरकार को केवल शराब बिक्री से ही नहीं, बल्कि शराब पिलाने के लिए चलाए जाने वाले अहातों से भी बड़ी कमाई मिलने जा रही है।

राज्य सरकार ने अब देशी और अंग्रेजी शराब दुकानों के आसपास चलने वाले अहातों से भी कमाई का रास्ता निकाला है। अब जल्द ही शराब दुकानों से लगे अहातों की ऑनलाइन नीलामी की जाएगी। खास बात ये है कि छोटी-छोटी जगहों की दुकानों के लिए 3 लाख से 41 लाख रुपए तक नीलामी दर रखी गई है। अनुमान है कि अहाता नीलामी से सरकार को सौ करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व मिलेगा।

सरकार ने लिया ये फैसलाराज्य सरकार के आबकारी आयुक्त कार्यालय ने वर्ष 2024-25 के लिए देशी-विदेशी शराब की फुटकर दुकानों के पास बने अहातों को ऑनलाइन निविदा के माध्यम से नीलाम करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस संबंध में प्रदेश के सभी कलेक्टरों को कार्ययोजना भेजी गई है। अहातों की नीलामी 1 मई 2024 से 31 मार्च 2025 तक के लिए की जाएगी।

पहले आओ पहले पाओ का फार्मूलासरकार ने अहाता की बोली लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए पहले आओ पहले पाओ का फार्मूला भी तैयार रखा है। अहाता नीलामी की शर्तों में साफ किया गया है कि जिन अहातों के लिए एक ही निविदा पत्र प्राप्त होगा, उन अहातों का सर्वप्रथम चयन किया जाएगा। इसके बाद जिन अहातों के लिए एक से अधिक निविदा पत्र प्राप्त होते हैं, उन अहातों के लिए बढ़ते क्रम से प्राप्त निविदा पत्र अनुसार अहातों के चयन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी यानी जिन अहातों के लिए कम निविदा पत्र रहेंगे, उन अहातों को पहले, इसी प्रकार बढ़ते क्रम की निविदाओं की संख्या के अनुसार अहातों का चयन किया जाएगा।

राजधानी रायपुर में ये है बोली की दर रायपुर में भाठागांव की विदेशी मदिरा दुकान के अहाते के लिए बोली 34 लाख 25 हजार से शुरू होगी। विदेशी शराब दुकान के अहाते के लिए 21 लाख 35 हजार आरक्षित मूल्य है। कुरुद की देशी मदिरा कंपोजिट दुकान का अहाता 41 लाख 77 हजार रुपए से अधिक की बोली पर उठेगा। दुर्ग जिले में पाटन की देशी शराब दुकान का अहाता 36 लाख 22 हजार का होगा। इसी तरह प्रदेशभर की सभी देशी- विदेशी शराब दुकानों के सैकड़ों अहातों के लिए लाखों रुपए की बोली नीलामी के लिए तय हुई है।

अहाते से होती है लाखों की कमाई राज्य सरकार प्रदेश के सभी 33 जिलों की सभी शराब दुकानों के अहातों की नीलामी करने वाली है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि अहातों के लिए तय आरक्षित मूल्य कितना होगा। इसके लिए वर्ष 2023-24 में अनुमानित ड्यूटी राशि के आधार पर निर्धारण होगा। इस आधार पर हर अहाते की बोली लाखों रुपए में लगेगी। सरकार ने हर अहाते के लिए निर्धारित मूल्य तय किया है। इस हिसाब से रायपुर जिले के नवापारा की देशी शराब दुकान के लिए 40 लाख 9 हजार रुपए आरक्षित मूल्य रखा गया है। खरोरा की देशी शराब दुकान के अहाते के लिए यह बोली 37 लाख 19 हजार से शुरू होगी। नेवरा की कंपोजिट दुकान का अहाता 35 लाख 70 हजार का होगा।

बैठने और खाने की भी करनी होगी व्यवस्था जिसे भी लाइसेंस दिया जाएगा, उसे बैठने से लेकर खाने-पीने की पूरी व्यवस्था करनी होगी। इसमें बारिश और ठंड को ध्यान रखकर सेटअप तैयार किया जाएगा। वहां एसी या कूलर लगाना होगा। दुकान के आस-पास साफ-सफाई की जिम्मेदारी भी अहाता संचालक की होगी। अहाता मेन रोड से हटकर ही खोला जाएगा, ताकि ट्रैफिक प्र​भावित न हो।

आबकारी से 6000 करोड़ का राजस्व आबकारी से सरकार को हर साल 6000 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व मिलता है। हर साल इसमें इजाफा हो रहा है। राज्य के 33 जिलों में देशी और अंग्रेजी मिलाकर 650 से ज्यादा दुकानें हैं। सरकार ने अगले ​वित्त वर्ष में कोई भी नया दुकान नहीं खोलने का फैसला किया है।जिन दुकानों को लेकर विवाद है,उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट की जाएगी।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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