बिहार में जीत से गदगद ओवैसी ने कहा- बंगाल का चुनाव भी लड़ूंगा, क्या करेगा कोई

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के परिणाम जारी हो चुके हैं। राज्य की 243 सीटों में से एनडीए को 125 तो महागठबंधन को 110 सीटें प्राप्त हुई हैं, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने राज्य 5 सीटों पर जीत दर्ज कर कमाल कर दिया है। ऐसे में ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी पार्टी अब पश्चिम बंगाल में भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कही ये बात
असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी आगे की रणनीति बताते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मैं बंगाल का चुनाव भी लड़ूंगा, क्या करेगा कोई?’ वहीं दूसरी ओर महागठबंधन की हार के लिए ओवैसी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। जब उनसे इस बारें में सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि अगर बिहार चुनाव में महागठबंदन की हार की जिम्मेदार एआईएमआईएम है तो फिर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में क्यों नहीं जीत सके? वहां तो हमारी पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ा।
महागठबंधन की हार पर ओवैसी ने कहा
उन्होंने कहा, महागठबंधन अपनी हार का ठीकरा हमारे ऊपर फोड़ना चाहता है। कर्नाटक की दो सीट हार गए क्या मैं या मेरी पार्टी वहां थी। यही हाल मध्यप्रदेश में भी हुआ क्या वहां मेरी पार्टी लड़ी। गुजरात में हार गए तो मैं गया था क्या? उन्होंने कहा कि इन लोगों को गुरूर है कि तुम कैसे हमारे सामने चुनाव में जीत दर्ज कर सकते हो। जब ओवैसी से किंगमेकर की भुमिका को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने फिलहाल, सब्र रखने की बात करते हुए कहा ‘हमारा हाल तो रजिया जैसा है जो गुंडों में फंस गई है। कोई कहता है हम एंटी नेशनल हैं और कोई कहता है हम वोट काट रहे हैं। उन्होंने कहा जिसे जो मर्जी कहना है कहे, लेकिन में बंगाल का चुनाव हमारी पार्टी जरूर लड़ेगी।
बिहार में 5 सीटों पर जीत दर्ज की है एआईएमआईएम ने
दरअसल, बिहार में ओवैसी की पार्टी का जीतना इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि साल 2015 के विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी को यहां बुरी हार का सामना करना पड़ा था। ओवैसी की पार्टी ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन पार्टी एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी थी। ऐसे में अब पार्टी ने साल 2020 के बिहार विधानसभा में 20 सीटों पर चुनाव लड़ा और 5 सीटों पर जीत दर्ज की है,जोकि अपने आप में काफी अहम हो जाती हैं, तब जब बिहार की ही लोजपा अपने ही राज्य में 1 सीट पर सिमट कर रह जारी है।




