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बिहार विधानसभा चुनाव: 3733 में से 1157 दागी उम्मीदवारों का रहा आपराधिक अतीत

चुनाव में 1100 से ज्यादा उम्मीदावारों का आपराधिक अतीत रहा है। चुनाव आयोग के अंतिम आंकड़ों के मुताबिक, कुल 3,733 उम्मीदवारों ने तीन चरणों में हुए चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई है। इसमें से 371 प्रत्याशी महिलाएं हैं।

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चुनाव आयोग के अंतिम आंकडे़ जारी, फैसला 10 को
चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। आयोग के मुताबिक, चुनाव लड़ने वाले कुल 3,733 प्रत्याशियों में से 1157 की छवि दागदार रही है। इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव आयोग ने मार्च में सभी राजनीतिक पार्टियों से दागदार छवि वाले उम्मीदवारों से दूरी बनाने को कहा था।
बिहार विधानसभा चुनाव पहला ऐसा चुनाव रहा है, जहां पर सभी पार्टियों के उम्मीदवारों ने अपने बारे में ऐसा ब्योरा दिया था। सितंबर में आयोग ने सख्त रवैया अपनाते हुए दागी छवि वाले उम्मीदवारों को निश्चित समय सीमा के भीतर प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अपना ब्योरा प्रकाशित करने को कहा था।

आयोग ने तय की आपराधिक ब्योरा देने के बारे में समयसीमा
2018 में आयोग ने चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों और पार्टियों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में टीवी या अखबार में कम से कम तीन बार प्रकाशित करने को लेकर निर्देश जारी किया था। अब आयोग ने साफ किया है कि पहली बार उम्मीदवार के आपराधिक ब्योरे का प्रकाशन नाम वापस लेने की अंतिम तिथि के पहले चार दिन  में हो जाना चाहिए।

आयोग ने कहा है कि दूसरी बार ऐसे ब्योरे का प्रकाशन नाम वापस लेने के पांचवें से आठवें दिन के बीच होना चाहिए। वहीं, तीसरी बार यह प्रकाशन चुनाव प्रचार के नौवें से लेकर आखिरी दिन के बीच हो जाना चाहिए। यह चुनाव के दिन से दो दिन पहले होना चाहिए। आयोग का कहना है कि इस अंतिम तिथि से वोटरों को मनपसंद उम्मीदवारों पर राय बनाने में मदद मिलेगी।

 

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