
केलो कपूत शिव राजपूत की चिट्ठी केलो के नाम

शहीद नंदकुमार पटेल जी के जन्मदिन पर विशेष
केलो आई आज मेरे महोदय का जन्मदिन है ठीक आज के ही दिन 8 नवम्बर 1998 ग्राम पंझर में मेरे द्वारा संकलित “धरती पुत्रों का विश्वास” पुस्तक का विमोचन हुआ था इस ऐतिहासिक किताब ने मुझे शहीद नंदकुमार पटेल के चुम्बकीय व्यक्तित्व से चिपका लिया था तबसे हम एक-दूसरे के मुरीद हो गये थे बेरंगी सरकारी समाचारों में इंद्र धनुषी रंग भरने की कला मैनें तत्कालीन कलेक्टर हर्षमंदर से लेकर जयदीप गोविंद, डी.पी.तिवारी. शैलेन्द्र सिंह आदि के कार्यकाल में सीख ली थी और तब जिला साक्षरता समिति बाल श्रमिक परियोजना आदि अभियानों में प्रचार-प्रसार प्रभारी भी बन चुका था।

केलो आई तभी महोदय ने मुझे अपना मिडीया सलाहकार नियुक्त कर लिया, एक लम्बे अंतराल तक उनका काम करने और उनके साथ रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ केलो आई मेरे महोदय के कुछ विशेषताओं से तुझे अवगत कराना चाहता हूं माननीय नंदकुमार पटेल जी औरों का मान-सम्मान रखने और अपना बचाये रखने में माहिर थे आपसी रिश्तों को निभाना जानते थे किसी जोहरी की तरह आदमी को पहचानते भी थे विवाद की स्थिति में दोनों पक्षों को संतुष्ट करते हुए लोकहित में फैसला लेना कोई उनसे सीखे विरोधी भी उनके दरबार में बेधड़क आते थे और अपना काम भी करा लेते थे सभी छोटे-बड़े सरकारी कर्मचारी अधिकारियों का सम्मान करते थे, उनके याद्दाश्त का आलम यह था की उन्हें गांव के लोगों का नाम ही याद रहता था बल्कि उनकी समस्याएं भी याद रहती थी।
वे हमारे रायगढ़ के ही नहीं वरन पूरे छत्तीसगढ़ के गौरव थे उनका यूं चले जाना मेरे लिये तो अपूर्णीय क्षति है मगर समूचा छत्तीसगढ़ उनके सपनों का छत्तीसगढ़ बन सके ऐसी प्रार्थना भी है।
केलो आई को नमन मेरे महोदय को नमन…




