देश /विदेश

बढ़ता जा रहा है बोइंग का संकट, सितंबर में नहीं बिका एक भी मैक्स विमान

कोरोना

Advertisement
Advertisement
Advertisement
वायरस महामारी की वजह से सभी उद्योगों को घाटा हुआ है, लेकिन एविएशन सेक्टर उन सेक्टर्स में से है जो सबसे ज्यादा प्रभावित है। विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग सितंबर में एक भी मैक्स विमान बेचने में असफल रही है। 737 मैक्स विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने से भी उसकी परेशानियां पहले से बढ़ी हुई हैं।

इसके अलावा कंपनी कोविड-19 संकट के चलते यात्रा प्रतिबंधों की वजह से काफी दिक्कतों का सामना कर रही है। कंपनी ने मंगलवार को कहा कि सितंबर में तीन मैक्स विमानों का ऑर्डर रद्द हो गया। वहीं 48 और मैक्स विमानों का ऑर्डर भी खत्म हो गया है क्योंकि कंपनी ग्राहकों के इनकी खरीद का सौदा पक्का करने को लेकर अनिश्चित है।

बोइंग ने इस साल 67 ऑर्डरों की बुकिंग थी, लेकिन उसे 448 मैक्स विमानों के ऑर्डर रद्द होने की परिशानी झेलनी पड़ी है। एपी शरद मनोहरमनोहर
मालूम हो कि मई में बोइंग ने कहा था कि वह 12,000 से अधिक लोगों की छंटनी कर रही है। अमेरिका की सबसे बड़ी विनिर्माता कंपनी ने एक हफ्ते में करीब 6,770 अमेरिकी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला। बोइंग ने घोषणा की थी कि वह अपने कर्मचारियों की संख्या में 10 फीसदी की कटौती करेगी।

2019 जैसी स्थिति आने में लग सकते हैं तीन साल
पहले अमेरिका स्थित विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने कहा था कि एविएशन इंडस्ट्री को 2019 के स्तर तक पहुंचने के लिए कम से कम तीन साल लग सकते हैं। बोइंग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेव कैलहोन ने हाल ही में कहा था, फंडामेंटल ग्रोथ ड्राइवर बरकरार हैं, लेकिन 2019 के स्तर पर हवाई यात्रा के लिए दो से तीन साल का वक्त लगेगा।

क्रिसिल ने बताया था कितना होगा नुकसान
दीर्घकालिक विकास के रुझान तक लौटने में कुछ साल का लगना तय है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार, विमानन उद्योग 24,000-25,000 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे के साथ इस वित्त वर्ष को भारी नुकसान की ओर ले जाएगा। इसमें एयरलाइंस का 70 फीसदी से अधिक का नुकसान होगा। यानी लगभग 17,000 करोड़ रुपये का नुकसान अकेले एयरलाइंस को उठाना पड़ेगा।

Advertisement
Advertisement
Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!