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500 एकड़ में बनाया गया पंजाब का New Central University Campus

पंजाब को 500 एकड़ में फैले एक नए केंद्रीय विश्वविद्यालय कैंपस की सौगात मिली है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्ऱेंसिंग के जरिये बठिंडा स्थित पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन किया। नए कैंपस के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. निशंक ने कहा, ‘यह कैंपस 500 एकड़ में बना देश का पहला ऐसा कैंपस है, जिसे पर्यावरण मैत्री एवं ऊर्जा दक्षता भवन-निर्माण के लिए गृहा काउंसिल में 5 स्टार रेटिंग दी गई है। 11 भवनों वाले इस कैंपस के निर्माण में 150 करोड़ रुपये का खर्च आया।’

केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा किये गए शोधकार्यों की सराहना करते हुए कहा, ‘शोध को फाउंडेशन बनाते हुए व आत्मनिर्भर भारत की और कदम रखते हुए पंजाब यूनिवर्सिटी ने अनेक महत्वपूर्ण रिसर्च की है। चाहे वो मानव मस्तिष्क में कैंसर के फैलाव पर शोधकार्य हो या वनस्पतियों का उपयोग करते हुए बायो-हर्बीसाइड पर शोधकार्य हो। हमारी यही लोकल टू ग्लोबल एप्रोच ही हमें आत्मनिर्भर बनाएगी।’

उन्होंने आगे कहा कि, ‘यह बेहद गर्व की बात है कि भारत सरकार द्वारा जारी एनआईआरएफ रैंकिंग में 87वीं रैंक प्राप्त करने वाला पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय शीर्ष 100 में स्थान बनाने वाला देश का सबसे युवा विश्वविद्यालय है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने विश्वविद्यालय की और भी उपलब्धियां गिनाईं।

सभी उपलब्धियों के लिए मंत्री ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है और यह बेहद सराहनीय है।

उन्होंने विश्वविद्यालय के दो शिक्षकों की अन्टाक्र्टिका की यात्रा की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘मुझे जानकर बड़ा गर्व महसूस हुआ की डॉ. फेलिक्स बास्त व डॉ. जितेंदर पटनायक ने 36वें इंडियन साइंटिफिक एक्सपेडिशन टू अन्टाक्र्टिका 2016-17 में भाग लिया। शोध हेतु अन्टाक्र्टिका में लगभग चार माह का समय व्यतीत किया। मैं आप दोनों को बधाई देते हुए आशा करता हूं की आप ऐसे ही आगे भी शोध करते रहेंगे।’

निशंक ने पंजाब केंद्रीय विद्यालय में अनुसंधान की बात करते हुए कहा कि, ’63 करोड़ धनराशि की राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की 210 शोध परियोजनाओं के साथ पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के पास देश में प्रति संकाय शोध परियोजना प्राप्त करने का श्रेष्ठ अनुपात है। इस परिसर में पांच देशों के 27 विदेशी विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि भारत में ऐसे विश्वविद्यालय हैं जो देश को विश्वगुरु बनाने के सपने को साकार करने के लिए तत्पर हैं और तेजी से इस ओर बढ़ रहे हैं।’

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