रायगढ़ । राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम अन्तर्गत प्रत्येक वर्ष अक्टूबर माह के द्वितीय गुरूवार को विश्व दृष्टि दिवस के रूप में मनाया जाता है। कोविड-19 वैश्विक महामारी को ध्यान में रखते हुए जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केसरी ने बताया कि नेत्र को सुरक्षित रखने हेतु प्रतिदिन सुबह उठकर एवं रात को सोते समय आंख एवं आंख के चारों ओर त्वचा को साफ पानी से धोएं आंखो और चेहरे को पोंछने के लिए साफ और अपना अलग तौलिया का इस्तेमाल करना चाहिये धूप और तेज रोशनी से आंखों को बचायें अच्छे किस्म के चश्मे का उपयोग करें, आंखों को दुर्घटना से बचाएं जैसे आतिशबाजी, तीर-कमान, गुल्ली-डंडा खेलते समय सावधानी बरतें, आँखों में कुछ पड़ जाये तो आंख को मलियें नहीं एवं काफी मात्रा में साफ पानी से आंख धोकर बाहरी कण को बाहर निकाल दें पुस्तक को आंखों से डेढ़ फीट की दूरी पर रखकर पढ़े। चलती बस में या लेटे हुए या बहुत कम प्रकाश में कभी न पढ़ें। इससे आंखों पर जोर पड़ता है आंखों में अच्छी रोशनी हेतु विटामिन ए युक्त भोज्य पदार्थ जैसे पालक, गाजर, पपीता, आम, दूध, मछली एवं अंडे का सेवन करें, आंखों का इलाज स्वयं न करें।
नीम-हकीमों द्वारा आंखों की दवा-सुरमा बेचने वालों की दवा का प्रयोग न करें। आंखों की तकलीफ होने पर तत्काल डॉक्टर की सलाह लें। स्कूल में प्रवेश के पूर्व छात्रों का एवं समय-समय पर अपनी आखों का परीक्षण करवाएं। मेडिकल कॉलेज एवं सभी जिला चिकित्सालय में नेत्र विशेषज्ञ एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में नेत्र सहायकों द्वारा आंखों नि:शुल्क जांच एवं उपचार किया जाता है। 40 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को मोतियाबिंद की जांच नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र अथवा जिला चिकित्सालय में कराते रहना चाहिए जहां मोतियाबिंद की नि:शुल्क उपचार एवं ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध है।