पहले ही विनायका प्लांट से निकलने वाले प्रदूषण, डस्ट और गंदे पानी से लोगों का जीना मुहाल है अब जब इस प्लांट का दोगुना विस्तार होगा तब कितना प्रलयकारी प्रदूषण रायगढ़ में होगा इसका अंदाजा लगाना भी कठिन है। ऐसे प्रदूषित प्लांट की क्षमता विस्तार के लिए जनसुनवाई करवाना ही अवैधानिक दिखाई देता है। प्लांट के विस्तार से गेरवानी, देलारी, लाखा, सरायपाली, बरलिया, भेलवाटिकरा, तराईमाल, भुइकुरी, पतरापाली, खैरपुर व पाली समेत दर्जनभर गांव रहने योग्य नहीं रह जाएंगे। वर्तमान में गेरवानी में जो प्रदूषण का पैमाना है वह महानगरों से भी ज्यादा है। ऐसे में इस प्लांट का विस्तार प्रदूषण की महामारी उत्पन्न कर देगा। प्रभावित क्षेत्रों के लोगों का भी कहना है कि इस प्लांट की स्थापना से उन्हें कोई लाभ नहीं मिला। न ही स्थानीय को रोजगार दिया गया और न ही ग्रामीण क्षेत्रों में किसी तरह का विकास कार्य किया गया। लोगों की खेती जमीन लेकर प्लांट प्रबंधन ने पूरे खेतों को कालिक में तब्दील कर दिया है लोग बेरोजगार घूम रहे हैं। अपने गांव की खेती जमीन को प्लांट को सौंप कर दर दर की ठोकरे खा रहे हैं । ऐसे में इस प्लांट का विस्तार नहीं होना चाहिए। लोग इस प्लांट के विरोध में मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं लोगों का कहना है कि प्रशासन को ऐसे विनाशकारी प्रदूषण संयुक्त इस प्लांट को पूरी तरह बंद कर देना चाहिए। यदि प्लांट का विस्तार होता है तो लोग यहां रहने के लायक नहीं रह पाएंगे।
यह है जनसुनवाई की अधिसूचना
मेसर्स विनायका आयरन एण्ड स्टील इंडस्ट्रीज द्वारा ग्राम- पाली, तहसील व जिला – रायगढ़ (छ. ग.) स्थित खसरा क्रमांक 26/ 2,29/1, 29/3, 29/4 एवं 29/5, कुल क्षेत्रफल – .5.53 हेक्टेयर (13.67) एकड़ में डी. आर. आई. प्लांट (स्पंज आयरन) क्षमता-62,700 टन प्रतिवर्ष ( 95 टन प्रतिदिन गुणा 2 नग), डब्ल्यू. एच. आर. बी. आधारित पॉवर प्लांट क्षमता-6 मेगावाट (13.5 टन प्रतिघंटा गुणा 2 नग ) एवं एफ.बी. सी. आधारित पॉवर प्लांट क्षमता 8 मेगावाट (36 टन प्रतिघंटा गुणा 1 नग) की स्थापना के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु लोक सुनवाई बाबत छ.ग. पर्यावरण संरक्षण मंडल में आवेदन किया गया है। किया गया है। उक्त क्षमता विस्तार परियोजना के संबंध में आपत्ति / सुझाव / विचार / टीका-टिप्पणी, इस सूचना के जारी होने के दिनांक से 30 दिवस के अंदर क्षेत्रीय अधिकारी, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, रायगढ़ के कार्यालय में मौखिक अथवा लिखित रुप से कार्यालयीन समय में प्रस्तुत की जा सकती है। इस परियोजना के लिए लोक सुनवाई दिनांक 11.01.2023, दिन- बुधवार को प्रातः 11:00 बजे से स्थल – बंजारी मंदिर के समीप का मैदान, ग्राम तराईमाल तहसील घरघोड़ा जिला – रायगढ़ (छ.ग.) नियत की गई है। यह भी सूचित हो कि लोक सुनवाई के दौरान भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली के ऑफिस मेमोरेण्डम F. No. 22- 25/2020-IA. III दिनांक 14.09.2020 तथा कोरोना वाईरस के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु शासन द्वारा जारी समस्त दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन कराया जाना अनिवार्य होगा। ई.आई.ए. अधिसूचना दिनांक 14 सितंबर 2006 (यथा संशोधित) के अनुसार, संबंधित व्यक्तियों के अवलोकन / पठन हेतु ड्राफ्ट ई.आई.ए. रिपोर्ट अंग्रेजी भाषा में एवं इसकी संक्षिप्त सार रिपोर्ट हिन्दी एवं अंग्रेजी तथा सी.डी. (सॉफ्ट कॉपी) कार्यालय कलेक्टर रायगढ़, कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत रायगढ़, कार्यालय महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र रायगढ़, कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), रायगढ़ / घरघोड़ा, जिला- – रायगढ़, क्षेत्रीय कार्यालय, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल टी. व्ही. टॉवर रोड रायगढ़, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत – रायगढ़ / घरघोड़ा / तमनार, जिला – रायगढ़, सरपंच / सचिव कार्यालय ग्राम पंचायत देलारी, गेरवानी, लाखा, सराईपाली, बरलिया, भेलवाटीकरा, तराईमाल, भुईकुरी, पतरापाली, खैरपुर, तहसील – रायगढ़ / घरघोड़ा / तमनार, जिला – रायगढ़, डायरेक्टर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, इंदिरा पर्यावरण भवन, जोर बाग रोड, नई दिल्ली, एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय अरण्य भवन, नार्थ ब्लॉक, सेक्टर-19, नवा रायपुर एवं मुख्यालय, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल, पर्यावास भवन, नार्थ ब्लॉक, सेक्टर-19, नवा रायपुर (छ.ग.) में रखी हुई है।