
रायगढ़। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल गुरुवार को रायगढ़ जिले के तमनार ब्लॉक अंतर्गत मूड़ागांव पहुंचे। यहां उन्होंने कोल ब्लॉक परियोजना के लिए की जा रही पेड़ कटाई और उससे प्रभावित ग्रामीणों से मुलाकात की। दौरे के दौरान उन्होंने कटे हुए जंगलों का निरीक्षण किया और ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुना।

पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडिया से चर्चा करते हुए उद्योग घराने पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र में कंपनी द्वारा व्यापक पैमाने पर जंगल काटे गए हैं। इस विषय में मुझे खरसिया विधायक उमेश पटेल और लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार ने जानकारी दी थी।” उन्होंने बताया कि ग्रामीणों के विरोध के बावजूद पेड़ काटे गए हैं, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था और पर्यावरणीय संतुलन के खिलाफ है।
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बघेल ने कहा कि जब वे मूड़ागांव के लिए रवाना हुए, तो रास्ते में अदानी पावर प्लांट के पास उनकी गाड़ी को रोकने का प्रयास किया गया।
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“हमारी गाड़ी जबरन रोकने की कोशिश की गई ताकि हम ग्रामीणों से न मिल सकें। यह लोकतांत्रिक अधिकारों पर सीधा हमला है,” उन्होंने कहा।
कोल ब्लॉक आवंटन पर भाजपा को घेरा
भूपेश बघेल ने भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कोल ब्लॉक आवंटन की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि “जब कोल ब्लॉकों की नीलामी विफल हो गई थी, तब केंद्र सरकार ने स्वयं राज्यों को कोल ब्लॉक आवंटित किए। इसके बाद राज्यों ने एमडीओ प्रक्रिया के तहत खदानों का संचालन निजी हाथों में सौंपा, और सभी खदानें एक ही कंपनी को दी गईं।”

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस शासनकाल में जन विरोध को देखते हुए कोल परियोजनाओं की जनसुनवाई तक रुकवाई गई थी। “हमारी सरकार ने जनता की बात को सर्वोपरि माना था,” उन्होंने दोहराया।
ग्राम सभा प्रस्ताव पर उठे सवाल

खरसिया विधायक उमेश पटेल ने ग्राम सभा के प्रस्तावों की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा कि “जिस जयशंकर राठिया व्यक्ति का नाम प्रस्ताव में दर्शाया गया है, वह जयशंकर राठिया नामक व्यक्ति गांव में मौजूद ही नहीं है। यह दर्शाता है कि ग्राम सभा के प्रस्ताव फर्जी हैं।”
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विधायक विद्यावती सिदार के मौजूदगी में कलेक्टर को अवगत कराया गया हमारे ग्राम पंचायत के सरपंच लिखकर दिया है कि उपरोक्त प्रस्ताव फर्जी है जब तक उपरोक्त प्रस्ताव का जांच-पड़ताल नहीं हो जाता पेड़ों का कटाई बंद किया जाए और शासन-प्रशासन जांच करने के उपरान्त ग्राम सभा का प्रस्ताव फर्जी पाए जाने पर उद्योग घराने द्वारा दिखाए जाने वाले तथाकथित ग्राम सभा प्रस्ताव दिखाएं जाने वाले पर कार्यवाही करें।
वन अधिकार पट्टा देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ही है जिन्होंने क्षेत्र वासियों को उनका अधिकार दिलाया था।
ग्रामीणों की पीड़ा और कांग्रेस का समर्थन

दौरे के दौरान मूड़ागांव और आसपास के ग्रामीणों ने अपनी व्यथा पूर्व मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें न तो उचित मुआवजा मिल पाया है, न पुनर्वास की कोई व्यवस्था की गई है। साथ ही, रोजगार देने के वादे भी अधूरे हैं।
भूपेश बघेल ने उन्हें भरोसा दिलाया कि कांग्रेस पार्टी उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क से लेकर सदन तक आवाज बुलंद करेगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, जल-जंगल-जमीन और आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए पार्टी हर स्तर पर संघर्ष करेगी।
भूपेश बघेल का यह दौरा न केवल एक राजनीतिक संदेश था, बल्कि पर्यावरणीय और जन सरोकारों के मुद्दों पर एक मजबूत जनपक्षधरता का प्रदर्शन भी रहा। आगामी समय में इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस द्वारा बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।




