विविध खबरें

प्रदेश भाजपा संगठन में बदलाव की बयार, जामवाल को जाना था भोपाल पहुंच गए दिल्ली…

क्षेत्रीय संगठन मंत्री ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अचानक बदला

विष्णुदेव और पवन साय को साथ लेकर दिल्ली रवानगी से चर्चा गरम

रायपुर।भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन में पहली पंक्ति के औहदेदारों की जिम्मेदारियों में बदलाव की चर्चा शुरू हो गई है। भाजपा प्रदेश संगठन के टॉप टू बॉटम लेवल की बैठक लेने आए नवनियुक्त क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल को अचानक ही प्रदेश भाजपा संगठन के अध्यक्ष और महामंत्री को साथ लेकर दिल्ली की फ्लाइट पकड़नी पड़ी। जामवाल 48 घंटे की मैराथन बैठक और पार्टी निर्देशों पर प्रदेश के सभी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और विधायकों से अलग अलग चर्चा कर सवाल भी किया था और सभी के जवाब भी दिए थे।

रायपुर प्रवास के बाद 5 अगस्त की शाम उन्हें भोपाल जाना था ऐसे में तयशुदा कार्यक्रम को बदलकर उनका प्रदेश संगठन के दो आला नेताओं संग आनन-फानन में सुबह की उड़न से दिल्ली रवानगी को लेकर पार्टी हलकों में शीघ्र ही बड़े बदलाव की ख़बरें सुनाई दे रही है। बताते हैं कि आज ही यहां से प्रदेश संगठन अध्यक्ष विष्णुदेव साय और प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय का साथ में दिल्ली जाना। फिर हैदराबाद से छत्तीसगढ़ प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी और सह प्रभारी नितिन नबीन को भी अचानक दिल्ली तलब किए जाने से भाजपा की क्षेत्रीय राजनीति में बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक शाम को जामवाल की मौजूदगी में सभी भाजपा सांसदों की बैठक होगी। इसमें परिचयात्मक बैठक के साथ साथ छत्तीसगढ़ की राजनीति में सांसदों की भूमिका को लेकर चर्चा होगी। इसके अलावा अन्य विषयों को लेकर भी बात होगी। खासकर जामवाल अपना फीडबैक संगठन के सामने रखेंगे। इसी में संगठन में क्या बदलाव किए जा सकते हैं, यह चर्चा भी शामिल है।

इस स्तर पर परिवर्तन की चर्चा

विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक करारी शिकस्त के बाद से ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर सीमा पार होने लगा था। तभी से छत्तीसगढ़ में बदलाव की चर्चा शुरू हो गई थी। संगठन स्तर में हार की औपचारिक समीक्षा करके बदलाव भी हुआ पर वो पार्टी में दबंग नेताओं को शांत नहीं कर पाया। फिर नेताप्रतिपक्ष के नाम और प्रदेश संगठन अध्यक्ष पद में तैनाती के बाद यह असंतोष अपने चरम पर पहुँच गया है। जामवाल के 48 घंटे की बैठक के बाद जो बातें सामने आईं और डी पुरंदेश्वरी के पूर्वानुभवों के आधार पर ही दिल्ली दौरे को देखा जा रहा है। दबी ज़ुबान में पार्टी संगठन के नेता और पूर्व मंत्री भी यह स्वीकार करते हैं कि चुनाव पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारियां बदल दी जानी चाहिए।

चेंज के मूड में हैं ये 3 गुट

वैसे तो पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह का प्रभाव संगठन से लेकर विधानसभा तक अन्य पार्टी नेताओं से ज़्यादा है। लेकिन चुनाव में कांग्रेस के हाथों करारी हार और इसकी जिम्मेदारी और समीक्षा नहीं होना से आहत बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर और आदिवासी नेताओं का एक गुट मुखर है। पार्टी सूत्रों की मानें तो इस बार नाराज़ गुट की स्थिति मज़बूत है और जामवाल भी वस्तुस्थिति से वाकिफ हैं। बता दें की संगठन को मज़बूत और अनुशासित करने के मामले में अजय जामवाल चर्चित हैं और वे जब रायपुर में 2 दिन रहे तो दोनों गुट के लोगों ने उनसे मुलाकात किये, लेकिन कोरोना से उबरने के बाद डॉ रमन सिंह से मिलने खुद जामवाल उनके निवास गए थे और मुलाकात के 24 घंटे बाद ही दिल्ली जाने से परिवर्तन की बयार तय है।

बदलाव हुआ तो क्या ऐसा होगा ?

संगठन स्तर में ऊपरी स्तर में बदलाव हुआ तो ओबीसी, आदिवासी और फिर लोकप्रिय चेहरा चुना जायेगा। इस बार नाराज़ गुट और संगठन के सर्वमान्य को ही जिम्मेदारी मिलेगी। वैसे संगठन के कद्दावर नेता बृजमोहन की पसंद का भी ख्याल रखा जायेगा। जिसमे केदार कश्यप, अजय चंद्राकर, अरुण साव, नन्द कुमार साय और सरोज पांडेय, प्रेमप्रकाश पांडेय या फिर महेश गागड़ा व नारायण चंदेल के नाम की चर्चा है। वही विष्णुदेव साय को राष्ट्रीय संगठन में एडजस्ट किया जा सकता है।

Show More

Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!