छत्तीसगढ़

हितग्राहियों के खातों में सीधे आ रही किस्त की राशि

महासमुंद।राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत जिले के 30115 पात्र परिवार इस योजना से जुड़ रहे हैं। उन्हें सलाना 7000 रुपए की राशि मिल रही है। इन परिवारों के खातों में पहली एवं दूसरे किस्त की दो-दो हजार रुपए की राशि प्राप्त हो गई है। कलेक्टर श्री निलेश कुमार क्षीरसागर ने विगत माह किस्त राशि की जानकारी वीडियो कॉलिंग फोन के जरिए महासमुंद विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बम्हनी, सिरपुर और अछोली के हितग्राहियों से बातचीत कर ली थी। उन्होंने अछोली के हितग्राही नयन दास सतनामी और ग्राम बिरकोनी के टेक सिंह ध्रुव से वीडियो कॉलिंग के जरिए अलग-अलग बात की और योजना की पहली किस्त की राशि के बारे में भी जानकारी ली। दोनों हितग्राहियों ने बताया कि उन्हें इस योजना के तहत किस्त की राशि उनके बैंक खाते में आ गए है। आज हितग्राही टेक सिंह ध्रुव से बात की तो उन्होंने बताया कि उनके बैंक खाते में दूसरी किस्त भी आ चुकी है।
इसी प्रकार कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने ग्राम सिरपुर की श्रीमती शांताबाई धीवर से मोबाईल कॉल के जरिए योजना के किस्त के बारे में जानकारी ली थी। उन्होंने भी बताया कि योजना की राशि 2000 रुपए मिल गई है। कलेक्टर ने सभी हितग्राहियों को बधाई दी और कहा कि वे जानना चाहते थे कि योजना की राशि उनके खाते में पहुंची है कि नहीं। हितग्राहियों ने इस योजना के बारे में पूछने पर बताया कि हम जैसे गरीब मजदूर के लिए यह योजना बहुत अच्छी है। कलेक्टर ने उनसे काम-काज की भी जानकारी ली थी। हितग्राहियों द्वारा बताया गया कि वे गांव में मजदूरी कर गुजारा करते हैं। तब कलेक्टर ने उन्हें श्रम कल्याण विभाग योजना के तहत भी पंजीयन कराने को कहा।
राज्य शासन द्वारा जरूरतमंद लोगों को न्याय दिलाने की जो पहल की है उसमें राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के नाम से एक नया अध्याय जुड़ गया है। इस योजना के तहत जिले में 30115 हितग्राहियोें को योजना की द्वितीय किस्त की राशि 2000 रुपए सीधे उनके बैंक खाते में पहुंच गई है। इस योजना के लिए पंजीयन की शुरूआत 1 सितम्बर 2020 से हुई थी। पहले इस योजना से प्रत्येक परिवार के लिए 6000 रुपए प्रतिवर्ष अनुदान राशि दी जानी थी जिसे बढ़ाकर अब 7000 रुपए कर दिया गया है।
योजना की शुरुआत से ज़िले की ग्राम पंचायत स्तर पर आवेदन प्राप्त किए गए थे। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में निर्धारित तिथि तक ज़िले में 43245 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें प्रारंभिक रूप से 30115 आवेदन पात्र पाए गए। योजना के सुचारु रूप से क्रियान्वयन हेतु निर्धारित समय सीमा में आवेदन प्राप्त करने से लेकर सभी कार्य संपादित किए गए। जनपद स्तर पर सभी प्राप्त आवेदनों के पंजीयन का कार्य किया गया। इसके अलावा आवेदन का परीक्षण क्षेत्र के तहसीलदार के माध्यम से किया गया।
पात्र हितग्राहियों को वार्षिक आधार पर आर्थिक अनुदान सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। यह सहायता 7000 रुपया सालाना है जो कि सीधे लाभार्थी के खाते में जमा होगी। योजना से मिली आर्थिक सहायता के ज़रिए हितग्राही के जीवन स्तर में सुधार आएगा। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण नागरिक जिनके पास कृषि भूमि नहीं है एवं जो चरवाहा, बड़ाई, लोहार, मोची, नाई, धोबी और पुरोहित जैसी पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े हैं और पात्र की है उनको इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। परिवार के सदस्यों में भूमिहीन कृषि मजदूर की पत्नी या पति, संतान तथा उन पर आश्रित माता-पिता शामिल है। यदि परिवार के मुखिया के माता पिता के नाम कोई भी कृषि भूमि उपलब्ध है एवं उस परिवार के मुखिया का उत्तराधिकार हक है तो वह राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का लाभ प्राप्त करने का पात्र नहीं होगा। इसके अलावा आवासीय प्रयोजन हेतु प्राप्त भूमि कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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