छत्तीसगढ़

गोधन न्याय योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की एक महत्वपूर्ण कड़ी

पशुपालकों की अतिरिक्त आमदनी का बना जरिया

पशुपालकों एवं किसानों में हर्ष व्याप्त

राजनांदगांव। शासन की गोधन न्याय योजना से पशुपालकों को सीधा लाभ मिल रहा है और यह उनकी अतिरिक्त आमदनी का जरिया बना है। गोधन न्याय योजना से अब इसमें मिलने वाली राशि सीधे पशुपालकों के खाते में हस्तांतरित की जा रही है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में गोधन न्याय योजना एक महत्वपूर्ण कड़ी का कार्य कर रही है। जहां एक ओर पशुपालकों से गोबर खरीदकर उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं इसी गोबर से स्वसहायता समूह द्वारा वर्मी कम्पोस्ट बनाए जा रहा है। इससे स्वसहायता समूह की महिलाओं को स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार मिल रहा है। किसानों को जैविक खेती के लिए अच्छी गुणवत्ता का वर्मी कम्पोस्ट भी मिलेगा।


राजनांदगांव विकासखंड के चारभाठा के पशुपालक  प्रमोद यदु ने 5 हजार 758 किलो गोबर विक्रय किया है, जिससे उन्हें 11 हजार 516 रूपए की राशि प्राप्त होने पर उन्होंने मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापित किया है। राजनांदगांव विकासखंड के चाराभाठा के पशुपालक  अरूण कुमार यदु ने बताया कि गोधन न्याय योजना से उन्हें अतिरिक्त आमदनी हो रही है। उन्होंने बताया कि 3 हजार 908 किलो गोबर  विक्रय कर चुके हैं और 7 हजार 816 रूपए की राशि उनके खाते में आ गई है। अब उन्हें दूध के अलावा गोबर बचने से भी लाभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि शासन की गोधन न्याय योजना पशुपालकों के लिए हितकारी है। छुरिया विकासखंड के ग्राम महराजपुर के पशुपालक  सतनाम सिंह ने बताया कि गोधन न्याय योजना में गोबर बेचने से तत्काल राशि मिल जाती है। जिससे इस राशि का उपयोग पशुओं के लिए अच्छा चारा और घरेलू कार्य में करेंगे। उन्होंने बताया कि 2 हजार 820 किलो गोबर बेच चुके हैं, जिससे 5 हजार 640 रूपए की राशि मिली है। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना से आर्थिक स्थिति में मदद मिली है। भीम सिंह ने प्रदेश के मुखिया के प्रति आभार व्यक्त किया है।

गोधन न्याय योजना से डोंगरगांव विकासखंड के झीका निवासी दिनेश यादव ने  3 हजार 92 किलो गोबर विक्रय कर 6 हजार 184 रूपए प्राप्त कर गोधन योजना से लाभान्वित हुआ है। इसी तरह खैरागढ़ विकासखंड के कोटरीछापर निवासी  नेहरू ने 2 हजार 700 किलो गोबर विक्रय कर 5 हजार 400 रूपए, डोंगरगढ़ विकासखंड के मुरमुंदा निवासी  किसुन यादव ने 2 हजार 524 किलो गोबर बेचकर 5 हजार 48 रूपए तथा ग्राम खुर्सीपार निवासी श्रीमती सुमरिनबाई ने 1 हजार 804 किलो गोबर विक्रय कर 3 हजार 608 रूपए, छुईखदान विकासखंड के हनईबन निवासी  श्रीमती शकुन ने 2 हजार 182 किलो गोबर विक्रय कर 4 हजार 364 रूपए तथा ग्राम पथर्रा निवासी सुजनदास ने 1 हजार 740 किलो गोबर विक्रय कर 3 हजार 480 रूपए, छुरिया विकासखंड के पांगरीखुर्द निवासी माखनलाल ने एक हजार 48 किलो गोबर बेचकर 2 हजार 96 रूपए, मोहला विकासखंड के मोहला निवासी  भूषण प्रसाद ने 891 किलो गोबर बेचकर एक हजार 782 रूपए तथा ग्राम पलान्दुर निवासी श्रीमती यशोदाबाई ने 339 किलो गोबर विक्रय कर 678 रूपए प्राप्त कर गोधन न्याय योजना से लाभान्वित हुई है।

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