छत्तीसगढ़

कलेक्टर ने मलेरिया की रोकथाम के साथ ही एनीमिया जांच को लेकर दिए आवश्यक दिशा निर्देश

सुकमा । संयुक्त जिला कार्यलय के सभाकक्ष में कलेक्टर नंदनवार ने स्वास्थ्य विभाग व महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने मलेरिया मुक्त अभियान, गहन डायरिया पखवाड़ा, एनीमिया मुक्त अभियान, कोविड टीकाकरण व नियमित टीकाकरण के साथ ही गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच से संबंधित बिंदुओं पर विस्तृत समीक्षा की। बैठक में एसडीएम सुकमा प्रीति दुर्गम, मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी सीबीपी बनसोड, महिला व बाल विकास अधिकारी बिश्मिता पाटले, जिला समन्वयक यूनिसेफ राजेश बघेल सहित खंड चिकित्सा अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक, ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारी, परियोजना अधिकारी, सेक्टर सुपरवाइजर एवं संबधित अधिकारी उपस्थित रहे।

स्वच्छता से ही बीमारियों से मिलेगी निजात, रखें सफाई अपने आस-पास

कलेक्टर विनीत नंदनवार ने मुख्य रूप से मलेरिया मुक्त अभियान अंतर्गत घर घर में मच्छरदानी वितरण कर उनका उपयोग सुनिश्चित करने मैदानी स्तर पर कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन को निर्देशित किया। इसके साथ ही स्वास्थ्य टीम को घर घर दस्तक कर मलेरिया जांच करने के साथ ही ग्रामीणों को मटका, कूलर, गड्डे, टायर आदि ऐसे स्थान जहां पानी एकत्रित होते हो, उनका उपचार करने को कहा ताकि मच्छरों का पनपना रोका जा सके।

उन्होंने गहन डायरिया पखवाड़ा संचालन एवं प्रबंधन के लिए सभी घरों में ओआरएस पैकेट मितानिन के माध्यम से वितरण करने को कहा। जन समुदाय को गरम खाना खाने तथा अपने हाथो को भोजन से पूर्व व शौच के बाद साबुन से धोने हेतु प्रेरित करने के लिए जन जागरूकता करने के लिए निर्देशित किया। आंगनबाड़ी व प्राथमिक स्कूलों में प्राथमिकता से बच्चों को साफ सफाई और जल जनित बीमारियों से बचाव के उपाय करने केलिए शिक्षित करने को कहा है। एनीमिया मुक्त अभियान के तहत शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग व स्वास्थ्य विभाग को समन्वय कर एनीमिक किशोरी बालिकाओं, महिलाओं का चिन्हांकन कर उन्हें आयरन फोलिक एसिड टेबलेट उपलब्ध कराने के साथ साथ उपयुक्त पोषण व्यवहारों को पालन करवाने के लिए निर्देश दिए। वहीं समस्त विभाग प्रमुखों को पंचायत वार नियमित रूप से मॉनिटरिंग करने को कहा।

कोविड टीकाकरण की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने टीकाकरण में तेजी लाने व कोविड टेस्ट को प्राथमिकता रखने कहा। कोविड-19 प्रकरण की पहचान कर पूर्व निदान करने, द्वितीय डोज, प्रिकॉशन डोज के साथ ही 12 से 14 व 15 से 18 वर्ष के पूर्ण टीकाकरण केलिए स्कूल, आश्रम शाला, पोटाकेबिन, आंगनबाड़ी का रूट चार्ट तैयार कर कार्य संपादित करने को कहा। उन्होंने कहा कि आम जन के मध्य जल जनित बीमारियों को लेकर जागरूकता लाने के लिए मैदानी अमले की जिम्मेदारी सबसे अधिक है। मितानिन, आंबा कार्यकर्ता, के साथ ही जागरूकता केलिए स्वय सेवक व एनएसएस का सहयोग लेने की बात भी कही।

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