एम्स में अब सक्शन वाली आरी से पोस्टमॉर्टम,नहीं रहेगा संक्रमण का खतरा…
भोपाल. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में पोस्टमॉर्टम अब सक्शन वाली आरी से किया जाएगा। इससे मस्तिष्क की जांच आसान हो जाएगी। इसके साथ ही पीएम करने वाले स्टाफ को भी संक्रमण का खतरा नहीं होगा। इसके लिए एम्स में नई मशीन आई है और इससे पीएम शुरू कर दिया गया है। एम्स से प्राप्त जानकारी के अनुसार शव परीक्षण का सबसे कठिन हिस्सा मस्तिष्क की जांच है जो खोपड़ी के भीतर सुरक्षित रहता है।
‘ऑटोप्सी सॉ’ का उपयोग खोपड़ी के विच्छेदन के लिए किया जाता है जो मस्तिष्क की जांच में मदद करता है। खोपड़ी को काटने के लिए आरी का उपयोग करते समय एरोसोल और हड्डी की धूल उत्पन्न होती है। एरोसोल के बनने से शव परीक्षण करने वाले व्यक्ति में संक्रमण फैल सकता है। आरी के ब्लेड के साथ सक्शन होने से शव परीक्षण करने वाले व्यक्ति को संक्रमण से बचाया जा सकता है। आरी से खोपड़ी को खोलना का एक अधिक मानवीय तरीका है क्योंकि ज्यादातर केन्द्रों पर अभी भी हथौड़े और छेनी से खोली जाती है।