
✍️ गिरीश राठिया@खरसिया।भाजपा शासित छत्तीसगढ़ में आंतरिक खींचतान खुलकर सामने आने लगी है। रायगढ़ जिले में विकास के नाम पर हो रहे पक्षपात को लेकर अब खुद भाजपा के युवा नेता सवाल उठाने लगे हैं। प्रदेश के दमदार मंत्री और रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी पर भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत ने सोशल मीडिया के माध्यम से गंभीर आरोप लगाए हैं।
रवि भगत ने फेसबुक पोस्ट के जरिए रायगढ़ विधानसभा में हो रहे एकतरफा विकास को निशाना बनाया है। उन्होंने लिखा —
“सरकार का पैसा भी रायगढ़ विधानसभा में ही और डीएमएफ, सीएसआर का पैसा भी रायगढ़ विधानसभा में ही खर्च हो और धर्मजयगढ़, लैलूंगा विधानसभा के लोग सिर्फ रोड एक्सीडेंट में बेमौत मरें, धूल खाएं, जमीन देकर बेघर हों… गज़ब का एकतरफा विकास है। डीएमएफ, सीएसआर के नियम जाएं चूल्हे में।”
भाजपा के भीतर ही उठने लगी बगावती आवाजें

रवि भगत की इस तीखी टिप्पणी के बाद रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी पार्टी के भीतर ही घिरते नजर आ रहे हैं। रवि भगत खुद लैलूंगा क्षेत्र से हैं,जहां आदिवासी और ग्रामीण इलाकों की उपेक्षा की बात बार-बार उठती रही है। इस बयान के बाद कांग्रेस ने भी भाजपा पर चौतरफा हमला बोल दिया है।
उमेश पटेल का हमला: “क्या सिर्फ रायगढ़ का विकास ही ज़रूरी?”
खरसिया विधायक उमेश पटेल ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि –
“भाजपा सरकार आदिवासी क्षेत्रों की विरोधी है। विकास सिर्फ वहां होता है, जहां उसे राजनीतिक लाभ हो। रायगढ़ जिले में सिर्फ रायगढ़ शहर को प्राथमिकता दी जा रही है जबकि खरसिया, लैलूंगा, धरमजयगढ़ जैसे क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि सीएसआर और डीएमएफ फंड का दुरुपयोग हो रहा है और गांवों के पैसे से शहरों को संवारा जा रहा है।
विद्यावती सिदार का आरोप: “लैलूंगा की उपेक्षा साफ़ दिखती है”
लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार ने आरोप लगाया कि –
“लैलूंगा ब्लॉक से डीएमएफ और सीएसआर फंड का सबसे अधिक योगदान है, लेकिन विकास के नाम पर यहां शून्यता है। अडानी कंपनी द्वारा बिना ग्रामीणों की सहमति के 14 गांवों को उजाड़ने की तैयारी हो रही है। रेल लाइन के लिए सर्वे भी चुपचाप कराया गया।”
उन्होंने इसे आदिवासी समाज पर थोपे गए तानाशाही फैसले बताया।
लालजीत राठिया की टिप्पणी: “विकास नहीं, विनाश हो रहा है”
धरमजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया ने कहा कि रायगढ़ जिले में डीएमएफ और सीएसआर फंड का अधिकतर उपयोग सिर्फ रायगढ़ शहर में हो रहा है।
“हमारे गांवों से कोयला, जमीन और जंगल सरकार ले रही है, लेकिन बदले में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क तक नहीं दे पा रही। भाजपा सिर्फ भाषण देती है, हकीकत में आदिवासी उपेक्षित हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि –
“अब भाजपा के भीतर से उठ रही आवाज़ें सच्चाई उजागर कर रही हैं। सत्तापक्ष के युवा नेता ही जब विरोध करने लगे हैं, तो साय सरकार को आत्ममंथन की ज़रूरत है।”
राजनीतिक विश्लेषण:
रवि भगत का पोस्ट भाजपा के लिए आत्मचिंतन का विषय बनता जा रहा है। एक तरफ विपक्ष वर्षों से रायगढ़ जिले में विकास के असमान वितरण को मुद्दा बना रहा था, वहीं अब भाजपा के युवा नेता का यह बयान विपक्ष के आरोपों को बल देता है।
इस मामले से जहां भाजपा की अंदरूनी राजनीति गर्मा गई है, वहीं कांग्रेस को एक और राजनीतिक हथियार मिल गया है। आगामी दिनों में भाजपा की छवि को झटका दे सकता है।
📌 मुख्य बिंदु:
- भाजपा युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत ने रायगढ़ में एकतरफा विकास पर सवाल उठाए
- कांग्रेस विधायकों ने डीएमएफ व सीएसआर फंड में घोर पक्षपात के आरोप दोहराए
- रायगढ़ विधायक व मंत्री ओपी चौधरी के खिलाफ पार्टी के भीतर ही विरोध की लहर
- आदिवासी क्षेत्रों की उपेक्षा पर विपक्ष ने भाजपा सरकार को घेरा
🗞️ विकास बनाम उपेक्षा की लड़ाई अब सड़कों से सदन तक पहुंचेगी या नहीं,यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।




