अब अधिकारियों-कर्मचारियों को नहीं रहेगी बुढ़ापे की चिंता : भूपेश बघेल
रायपुर । मुख्यमंत्री बघेल मंगलवार को राजधानी के बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में छत्तीसगढ़ शिक्षा संवर्ग एवँ पंचायत सचिव संघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सम्मान समारोह में शामिल हुए । संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री बघेल द्वारा शासकीय कर्मचारियों-अधिकारियों के हित में पुरानी पेंशन योजना लागू किये जाने पर उनका सम्मान कर आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर संसदीय सचिव चन्द्रदेव राय तथा संघ के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री बघेल छत्तीसगढ़ शिक्षक संवर्ग एवं पंचायत सचिव संघ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जब मैंने घोषणा की ओल्ड पेंशन लागू होगी तो यह सोचा नहीं था कि इसका असर कितनी दूर तक होगा। एक फैसले से जीवन में कितना परिवर्तन होता है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों कर्मचारियों को अब बुढ़ापे की चिंता नहीं रहेगी। मप्र के बाद शिक्षक भर्ती सीधे हमारे कार्यकाल में हुआ है। अब कोई शिक्षा कर्मी भर्ती नहीं होगी जो होगी शिक्षक भर्ती होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट काल में सब को विश्वास था कि एक बार छत्तीसगढ़ बॉर्डर में पहुंच जाएं, तो सरकार हमें हमारे घर तक पहुंचा देगी। कोरोना काल में सबसे पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने 3 माह का राशन निःशुल्क किया, केंद्र सरकार से भी पहले। योजना का लाभ गरीब से गरीब आदमी तक पहुंचना चाहिए।
लघु वनोपज खरीदी पर उन्होंने कहा कि पहले 7 प्रकार अब 65 प्रकार के वनोपज का संग्रहण किया जा रहा। अब तो कोदो कुटकी और रागी भी समर्थन मूल्य में खरीदा जा रहा है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने 5 दिवसीय कार्यालय प्रणाली लागू की है। कार्यालय की भी घोषणा की गई है। तीज त्योहार की भी छुट्टी दे रहे हैं
उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा की महिला समूह ने गोबर से गुलाल बनाकर गोबर से चन्दन बनाने की बात को चरितार्थ किया है। हर व्यक्ति के लिए 55 लीटर पानी की आवश्यकता है, लेकिन पानी है कहाँ इसीलिए हमने नरवा कार्यक्रम लागू किया है।
उन्होंने कहा कि अभी रूस यूक्रेन युद्ध हो रहा है, रासायनिक उर्वरक का रॉ मटेरियल विदेशों से आता है, चीन का इस क्षेत्र में मोनोपोली है। इसीलिए स्वावलंबी बने और वर्मीकम्पोस्ट और ऑर्गेनिक खाद का उपयोग करें।
बच्चे अगर कमजोर रहे तो मजबूत छत्तीसगढ़ की कल्पना कैसे की जा सकती है इसलिय सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि गांवों के साथ शहरों में लोगों को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हो। स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने का कार्य कर रहे हैं, 4 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं।