
सनफ्लावर की आवक रूस व यूक्रेन से
थोक व्यापारियों के अनुसार भारत में सनफ्लावर तेल की आवक पूरी तरह रूस व यूक्रेन से होती है। वहां युद्ध होने से इसके आवक पर असर पड़ गया है। इस वजह से सनफ्लावर तेल तो कम होने का नाम भी नहीं ले रहा है। इसके दाम बढऩे से अन्य तेलों पर भी असर पड़ा है।
मुनाफा आधा, ग्राहकी भी हो गई कम
खाद्य तेल के विक्रेताओं ने बताया कि लगातार तेल की बढ़ती कीमतों से व्यापार पूरी तरह प्रभावित हो गया है। पहले की तरह ग्राहकी नहीं है और जो मुनाफा पहले हो जाता था वह भी आधा हो गया है। ऐसे में सामानों के रेट बढ़ा देंगे तो व्यवसाय पर असर पड़ेगा। व्यापारी के सामने विकट स्थिति आ गई है। तेल से ही पूरा व्यवसाय जुड़ा है। इसमें असर होने से सभी चीजों के दाम में बढ़ोत्तरी हो रही है।
रसोई पर पड़ रही महंगाई की मार
इधर, गृहणियों की मानें तो लगातार महंगाई की मार रसोई पर पड़ रही है। बीते 2 साल से कोरोना महामारी से जनजीवन पर बहुत अधिक असर पड़ा। इसके बाद अब तेलों की बढ़ती कीमत ने परेशान कर दिया है। बढ़ती कीमतों से लोगों की जेब आधी हो गई है। आम आदमी की आय नहीं बढ़ी लेकिन खर्च बढ़ता जा रहा है, इससे पूरे घर का बजट बिगड़ गया है। बढ़ती तेल की कीमतों के फायदा रिटेलर अधिक उठा रहे हैं। रिटेलर प्रिंट एमआरपी से अधिक पर बिक्री कर रहे हैं। इसमें खाद्य विभाग भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। कई दुकानदार पुराने एमआरपी का तेल रखे हुए हैं मगर अब रेट बढ़ जाने से इसी तेल को एमआरपी से बढ़कर इसकी बिक्री कर रहे हैं।
ऐसा कई जगहों पर देखा जा रहा है लेकिन इसमें अंकुश लगाने वाला कोई नहीं है।




