दुर्ग । सप्ताह भर पहले हथखोज में दो पक्षों के बीच हुई मारपीट में घायल एक व्यक्ति का बीती रात इलाज के दौरान एम्स रायपुर में मौत हो गई। इस मामले में मृतक पक्ष के परिजनों ने परिचित और रिश्तेदारों की भीड़ लेकर भिलाई-3 थाने का घेराव कर दिया। इस दौरान वे दो पक्षों के विवाद में मृतक के पुत्र व एक रिश्तेदार पर पुलिस के लगाए गए धारा में कटौती की मांग कर रहे थे।
गौतम नगर खुर्सीपार निवासी मो इलियास (55 वर्ष) की इलाज के दौरान एम्स रायपुर में बीती रात निधन हो गया। मृतक ट्रांसपोर्ट नगर हथखोज में टायर पंचर बनाने का दुकान चलाता था। बीते 22 फरवरी को दो पक्षों के बीच मारपीट की घटना में सिर पर गंभीर चोट आने पर मो इलियास को पहले भिलाई के चंदूलाल हॉस्पिटल फिर हाईटेक और इसके बाद एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया था। इलियास के मौत की खबर मिलने के बाद उसकी पत्नी मेहरून निशा सहित परिचित और रिश्तेदारों ने भीड़ के साथ भिलाई-3 थाने का घेराव कर दिया। सूचना पर सीएसपी विश्वास चन्द्राकर और टीआई विनय सिंह बघेल तत्काल थाना पहुंच गए।
ज्ञातव्य हो कि बीते 22 फरवरी को हथखोज में किसी बात पर फर्नीचर व्यवसायी रजनेश पाण्डेय, मनीष पाण्डेय और प्रिंस पाण्डेय के साथ मेराज खान और सिराज अली का किसी बात पर मारपीट हो गया था। इसकी जानकारी लगते ही मेराज खान का पिता मो इलियास भी वहां पहुंच गया। मारपीट के दौरान मो इलियास के सिर पर गंभीर चोट लग गई। जबकि मेराज खान और सिराज अली भी घायल हो गए। दूसरे पक्ष के रजनेश पाण्डेय को भी गंभीर चोट लगी और वह अभी भी भिलाई-3 के शनसाइन हॉस्पिटल में भर्ती है।
मृतक मो इलियास के परिवार वालों ने थाना घेराव कर पुलिस के मेराज खान और सिराज अली के खिलाफ धारा 307 लगाए जाने पर सवाल उठाया हैं। उन्होंने सीएसपी के नाम एक आवेदन देकर धारा 307 को हटाने की मांग की, ताकि मो इलियास के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मेराज और सिराज को न्यायालय से जमानत मिल सके। मामले में सीएसपी विश्वास चन्द्राकर ने बताया कि दोनों पक्षों के खिलाफ एक-दूसरे की शिकायत पर जांच के बाद धारा 307, 294, 323, 34 के तहत अपराध कायम कर कार्यवाही की गई है। मो इलियास की मौत के बाद दूसरे पक्ष के खिलाफ धारा 302 जोड़ा जा रहा। लेकिन किसी के खिलाफ धारा कम करने का अधिकार पुलिस को नहीं है।