डॉक्टरों को समाज में भगवान का दर्जा दिया जाता है, क्योंकि वे लोगों की जान बचाने का कार्य करते हैं। लेकिन वर्तमान परिवेश में कुछ जूनियर डॉक्टर इस विश्वास को तोड़ रहे हैं। उनकी प्राथमिकता कभी-कभी सेवा भावना से हटकर केवल व्यावसायिक लाभ पर केंद्रित हो जाती है। इस कारण समाज में डॉक्टरों के प्रति सम्मान में कमी देखी जा रही है। नैतिकता, संवेदनशीलता और सेवा का अभाव इन नए डॉक्टरों की छवि को धूमिल कर रहा है और वे अपने पेशे के मूल आदर्शों से दूर जा रहे हैं।
खरसिया।सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चपले में जूनियर डॉक्टर द्वारा की जा रही लापरवाही और दुर्व्यवहार से क्षेत्र के लोग अत्यंत परेशान हैं। यहां उपचार के लिए आने वाले मरीजों को डॉक्टर की अनियमितता,अनुचित व्यवहार और इलाज में लापरवाही का सामना करना पड़ रहा है। छोटे-छोटे स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी मरीजों को रायगढ़ रेफर किया जा रहा है,सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उपस्थित बीएमओ के बातों को नजरंदाज कर रिफर किया जा रहा है,जिससे स्थानीय लोगों में गहरा असंतोष है।
ग्रामीणों का आरोप है कि आपतकाली ड्यूटी में डॉक्टर अक्सर समय पर उपस्थित नहीं होते और जो मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं,उनके साथ ठीक व्यवहार नहीं किया जाता। मरीजों को घंटों इंतजार करवाया जाता है और कई बार बिना उचित इलाज के ही लौटा दिया जाता है।गंभीर परिस्थितियों में भी मरीजों को तुरंत सहायता न मिलकर बड़े अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है,जिससे परिवारों पर आर्थिक,मानसिक तनाव का बोझ बढ़ रहा है।
इस गंभीर स्थिति को लेकर कई बार स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से शिकायत की गई है,लेकिन प्रशासन की मौनता और विभाग की निष्क्रियता ने समस्या को और जटिल बना दिया है।स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन से हस्तक्षेप करने और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में योग्य एवं अनुभवी डॉक्टरों की नियुक्ति की मांग की है ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी केवल आश्वासन देते आ रहे हैं,जिससे ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।