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दिखा अधिवक्ताओं का दम,भ्रष्टाचार के खिलाफ, प्रदेशभर के अधिवक्ताओं ने किया शंखनाद और निकाली महा रैली…

अब अगला आंदोलन राजधानी में , होगा विधानसभा का घेराव…

मुख्यमंत्री को भी सौंपा जाएगा ज्ञापन
अब अनिश्चित काल के लिए पूरे प्रदेश के राजस्व न्यायालयों का होगा बहिष्कार

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रायगढ़ । भ्रष्टाचार के खिलाफ रविवार को प्रदेशभर के अधिवक्ता रायगढ़ में एकत्र हुए और यहां महा रैली निकालकर अपना शक्ति प्रदर्शन किया। अधिवक्ता संघ रायगढ़ की ओर से शुरू किए गए इस अभियान में अब पूरे प्रदेश के अधिवक्ता एकजुट हो चुके हैं। रायगढ़ में अंबेडकर चौक से निकाली गई महारैली में लगभग एक हजार से अधिवक्ताओं ने भाग लिया जो प्रदेश के सभी जिला एवं तहसील अधिवक्ता संघ के प्रतिनिधि गण थे। इनके अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोगों ने भी इस रैली में अपनी सहभागिता दर्ज कराई।

रैली का शहर वासियों ने किया भव्य स्वागत, 2 सौ किलो फूल की वर्षा
अधिवक्ताओं की रैली का शहर वासियों की ओर से भव्य स्वागत किया गया। रैली मार्ग में कई स्थानों पर शहर वासियों एवं विभिन्न संगठनों की ओर से अधिवक्ताओं पर पुष्प वर्षा की गई अधिवक्ताओं को गुलदस्ते दिए गए और मालाएं पहनाई गई इसके अलावा जलपान की भी व्यवस्था रखी गई। शहर के फूल विक्रेताओं के अनुसार लगभग 200 किलो फूल अधिवक्ताओं की रैली के लिए शहरवासियों में खरीदे थे जिसका उपयोग अधिवक्ताओं पर पुष्प वर्षा एवं माल्यार्पण के लिए किया गया। शहरवासियों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अधिवक्ताओं की ओर से किए जा रहे इस आंदोलन को जनता का आंदोलन भी बताया।

अब अगला आंदोलन राजधानी में , होगा विधानसभा का घेराव
राज्य भर से अधिवक्ता संघों के प्रतिनिधियों के साथ रायगढ़ अधिवक्ता संघ की विशेष बैठक रैली के बाद सिंधी धर्मशाला में आयोजित हुई । इस बैठक में प्रदेश के सभी अधिवक्ता संगठनों की ओर से अपने अपने सुझाव रखे गए और आंदोलन की रूपरेखा तय की गई । इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आगामी दिनों प्रदेशभर के अधिवक्ता राजधानी की ओर कूच करेंगे। वहां विधानसभा का घेराव किया जाएगा और यह घेराव बजट सत्र के दौरान ही किए जाने का निर्णय लिया गया है। ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके और अधिवक्ता संघ की मांगे पूरी हो सके। अधिवक्ताओं का कहना है कि प्रदेश सरकार अधिकारियों और कर्मचारियों की मांग को 3 दिन में पूरा कर सकती है लेकिन अधिवक्ताओं की मांग सुनने के लिए भी उसके पास वक्त नहीं है ऐसे में अब रायपुर में जंगी प्रदर्शन किया जाएगा ताकि सरकार को एहसास हो जाए कि अधिवक्ताओं की ताकत क्या है।

भ्रष्टाचार के विरुद्ध बनेगी प्रदेश स्तरीय संघर्ष समिति
रायगढ़ में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सभी जिला और तहसील स्तर के अधिवक्ता संघों के सदस्यों को मिलाकर एक राज्य स्तरीय संघर्ष समिति बनेगी जो भ्रष्टाचार की लड़ाई पूरी ताकत के साथ लड़ेगी और राज्य शासन से अपने हक को किसी भी कीमत में लेकर रहेगी।

अब अनिश्चित काल के लिए पूरे प्रदेश के राजस्व न्यायालयों का होगा बहिष्कार
बैठक के दौरान यह निर्णय लिया कि अब पूरे प्रदेश में एक साथ राजस्व न्यायालयों का अनिश्चित काल तक के लिए बहिष्कार कर दिया जाएगा। इसके लिए सोमवार को स्टेट बार काउंसिल की ओर से सभी अधिवक्ता संघों को बहिष्कार करने संबंधी पत्र भेजा जाएगा जिसके बाद यह बहिष्कार अनिश्चितकाल के लिए प्रदेश भर के राजस्व न्यायालयों में लागू हो जाएगा। आपको बता दें कि वर्तमान में रायगढ़ जिला सहित कुछ जिलों में राजस्व न्यायालयों का बहिष्कार किया जा रहा है जबकि कुछ जिलों व तहसील स्तर पर यह बहिष्कार नहीं हो रहा है।

सभी अधिवक्ता संघ अपने अपने क्षेत्र के पक्ष और विपक्ष के प्रतिनिधियों को सौंपेंगे ज्ञापन
प्रदेश के सभी तहसील और जिला अधिवक्ता संघों की ओर से अपने अपने क्षेत्र के विधायकों और सांसदों सहित पक्ष विपक्ष दोनों के जनप्रतिनिधियों को अपनी 10 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे और उनसे इसे सरकार के स्तर पर माने जाने की बात करेंगे।

राजस्व न्यायालयों के बहिष्कार पर हुई ये बात
कुछ अधिवक्ताओं की ओर से जब राजस्व न्यायालय का बहिष्कार न करने की बात रखी गई और यह हवाला दिया गया कि तहसील स्तरीय अधिवक्ताओं के पास आय का दूसरा कोई माध्यम नहीं है और लंबे समय तक राजस्व न्यायालय बंद रहने पर उन्हें आर्थिक नुकसान सहना पड़ेगा। इस पर सभी अधिवक्ताओं ने एक राय होकर यह कहा कि जब कोरोना की स्थितियों में 2 साल तक बिना काम किए हमारे चूल्हे जल गए तो यह हमारे मान सम्मान और हक की लड़ाई है इसे किसी भी हाल में हम रुकने नहीं देंगे और यह बहिष्कार अनिश्चितकाल तक के लिए चलता रहेगा तब तक जब तक की सरकार होश में नहीं आ जाती।

मुख्यमंत्री को भी सौंपा जाएगा ज्ञापन
राजेश्री संघर्ष समिति की ओर से मुख्यमंत्री से मुलाकात कर शीघ्र ही अपनी मांगों को रखा जाएगा और उनसे 10 सूत्रीय मांगो के क्रियान्वयन की बात कही जाएगी। अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट और राजस्व न्यायालयों से न्यायालय का पावर सीज करने संबंधी विषयों को बेहद गंभीरता से लिया जाएगा। अधिवक्ताओं का कहना है कि बिना कानून पढ़े या कानून की जानकारी नहीं होने के बावजूद राजस्व न्यायालयों में पीठासीन अधिकारियों को बैठाया जाता है जिसकी वजह से न्यायालय प्रक्रियाएं दूषित हो रही हैं। इस लिहाज से राजस्व न्यायालयों में केवल प्रशासनिक कार्य हो और न्यायालय का कार्य तेज कर दिया जाए और यह कार्य न्यायालय को ही विशुद्ध रूप से दिया जाए। ऐसा करने के लिए कानून में बदलाव की प्रक्रिया करनी पड़ेगी और यह कानूनी बदलाव राज्य एवं केंद्र सरकार से संबंधित है। इस बदलाव को सरकार करें इसके लिए अधिवक्ता संघ प्रदेश व्यापी आंदोलन चढ़ेगा और आवश्यकता पड़ी तो यह आंदोलन प्रदेश से निकलकर देशव्यापी भी हो सकता है।

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