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युवा दिवस पर विशेष लेख: नशे में डूबती युवा पीढ़ी – डॉ. पवन अग्रवाल

रायगढ़ ‌। वर्तमान समय में भारत सम्पूर्ण विश्व में सबसे युवा आबादी वाला देश है । इसकी 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम उम्र की है। यह बात कहने में भी कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि भारत इस समय युवा शक्ति से लबालब भरा हुआ है ,जो किसी भी देश की प्रगति के लिए सबसे महत्वपूर्ण है और इसी युवा शक्ति के बलबूते भारत दुनिया की “आर्थिक महाशक्ति”बनना चाहता है।‌ प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस के अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है, एवं अनेकों प्रकार के कार्यक्रमों के द्वारा युवाओं को नये जोशएवं लगन के लिए प्रेरित किया जाता है। युवा दिवस के अवसर पर डॉ. पवन अग्रवाल द्वारा युवाओं के लिए एक संदेश-

जिस युवा पीढ़ी के बल पर भारत विकास के पथ पर प्रगतिशील होने का दंभ भर रहा है ,उस युवा पीढ़ी में नशे की लत लग रही है ,जो दिन ब दिन अपने पैर पसार रही है और युवा नशे की गिरफ्त में आ रहे है ,जो अत्यंत ही चिंता का विषय है । युवाओं में नशा अब इस कदर हावी हो गया है कि नशा अब मौजमस्ती का नहीं अपितु आज की युवा पीढ़ी की आवश्यकता बन गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ देश में 65 प्रतिशत नशाखोरी से वे युवा ग्रस्त है ,जिनकी उम्र 18 वर्ष से भी कम है। सरकारी आकड़ों के हिसाब से देश की 70 से 75 प्रतिशत आबादी किसी न किसी प्रकार का नशा करती है। जिसमें युवा सिगरेट,शराब व गुटखा की ओर सबसे ज्यादा आकर्षित हो रहे है और तीन में से एक युवा किसी न किसी प्रकार के नशे का आदी है । एक सर्वेक्षण के मुताबिक देश में हर रोज करीबन 5500 युवा तम्बाकू उत्पादों के सेवन करने वालों की श्रेणी में जुड़ रहे हैं।

डॉ. अग्रवाल बताते है कि तंबाकू का उपयोग 48 प्रतिशत मुंह द्वारा चबा कर, 38 प्रतिशत बीड़ी एवं 14 प्रतिशत सिगरेट के इस्तेमाल के रूप में होता है। मुँह द्वारा सबसे ज्यादा 86 प्रतिशत तंबाकू सूखी खैनी, जर्दा के रूप में इस्तेमाल होता है। नशे के सेवन में महिलायें भी पीछे नहीं रह गई है ।भारत में क़रीब 12 करोड़ लोग धूम्रपान करते है ,जिसमे 20 प्रतिशत महिलाएं धूम्रपान करती है। सिगरेट पीने के मामले में भारत की लड़कियां और औरतें अमेरिका के बाद पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर हैं।इसके अलावा शराब का सेवन भी भारतीय युवाओं में तेजी से फैल रहा जिससे महिलाएं भी अछूती नहीं रही है।

20 साल पहले जहाँ 300 लोगों में से एक व्यक्ति शराब का सेवन करता था, वहीं आज 20 में से एक व्यक्ति शराब सेवन कर रहा है, परंतु महिलाओं में इस प्रवृत्ति का आना समस्या की गंभीरता को दर्शाता है। पिछले दो दशकों में मद्यपान करने वाली महिलाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। विशेष कर उच्च तथा उच्च मध्यम वर्ग की महिलाओं में यह एक फैशन के रूप में आरंभ होता है और फिर धीरे-धीरे आदत में शुमार होता चला जाता है।युवाओं में नशा सिर्फ सिगरेट व शराब तक सीमित नहीं रह गया बल्कि वर्तमान समय में कोकीन , हेरोइन , गांजा , चरस ,नशीली दवाइयाँ आदि का नशा युवाओं को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है। जहाँ एक ओर नशा दीमक की तरह युवाओं के भविष्य को चाट जाता है ,वहीं दूसरी ओर यह समाजिक सुरक्षा और देश के विकास के लिए भी बहुत बड़ा खतरा है ।

आइए मिल कर संकल्प ले- भारत को विकसित बनाये ।
नशे को देश से भगाएँ …

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