छत्तीसगढ़

80 से ज्यादा भर्ती पर ऑक्सीजन की कमी के केस कम,एम्स में 25 से ज्यादा का इलाज…


रायपुर एम्स अस्पताल।ओमिक्रॉन के डर के बीच राहत वाली बात ये है कि केवल इक्का-दुक्का मरीजों में ही ऑक्सीजन सेचुरेशन कम हो रहा है। यानी उन्हें ऑक्सीजन की कमी महसूस हो रही है। ऐसे मरीज दूसरी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। ऐसे मरीजों को ही आईसीयू में रखने की जरूरत पड़ रही है। राजधानी के अस्पतालों में 82 से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है। एम्स में 25 मरीज भर्ती हैं, जिनमें 15 मरीज आईसीयू में हैं। अंबेडकर में 7 मरीजों का इलाज चल रहा है, इनमें 4 आईसीयू में हैं। निजी अस्पतालाें में भी 50 से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है।कोरोना की तीसरी लहर के शुरुआती दिनों में जो ट्रेंड है, उसके अनुसार ओमिक्रॉन का संक्रमण तेजी से फैल तो रही है, लेकिन यह डेल्टा वैरिएंट की तुलना में मरीजों को कम गंभीर कर रहा है। सप्ताहभर की स्थिति की समीक्षा से स्पष्ट हो रहा है बहुत कम मरीजों को ही ऑक्सीजन की कमी महसूस हो रही है।कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. अजोय बेहरा ने बताया कि एम्स की आईसीयू में जो मरीज भर्ती हैं, वे ज्यादातर रिफरल हैं। उनमें से कोई डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर व सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित हैं। दो गर्भवती महिलाएं भी संक्रमित हैं, जिनमें एक की डिलीवरी हो चुकी है। एक की नहीं हुई है। गर्भवती होने के कारण उन्हें निगरानी में रखा गया है। अंबेडकर की आईसीयू में 4 में 3 रिफरल केस है।गले में खराश व सूखी खांसी वाले निकल रहे संक्रमितइन दिनों गले में खराश व सूखी खांसी वाले ज्यादातर लोग कोरोना संक्रमित निकल रहे हैं। निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने बताया कि उनके यहां अधिकतर ऐसे ही केस आ रहे हैं। कुछ लोग गंभीर बीमारियों से भी पीड़ित है।

इसके अलावा लक्षणों में सिरदर्द, हडि्डयों में दर्द, हाथ-पैर में भयंकर दर्द वाले मरीज आ रहे हैं। स्वाद में बदलाव या सुगंध का पता न चलने जैसे मरीज अभी कम है।

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