प्रबंधन ने कहा-ऐसा कोई आदेश जारी नहीं हुआ; GGU में भी स्टूडेंट के प्रवेश पर से पाबंदी हटी
बिलासपुर-अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार के नाम से वायरल हुआ फर्जी आदेश।बिलासपुर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की एंट्री के बाद कॉलेज बंद करने को लेकर फर्जी आदेश वायरल किया जा रहा है। यह मैसेज सोशल मीडिया के जरिए कॉलेजों के विद्यार्थियों तक पहुंचाया जा रहा है। दैनिक भास्कर ने इस आदेश की सच्चाई जानने के लिए यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार से बातचीत की, तब आदेश फर्जी होने का पता चला। इधर, गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय ने भी संशोधित आदेश जारी कर स्टुडेंट के प्रवेश की पाबंदी हटा दी हैजिले में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। लिहाजा, संक्रमण रोकने के लिए प्रशासन की ओर से जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। कलेक्टर डॉ. साराशं मित्तर ने आदेश में स्कूल-कॉलेज व आंगनबाड़ी केंद्रों को भी बंद रखने का आदेश दिया था। लेकिन, बाद में कॉलेज के विद्यार्थियों के एग्जाम फर्मा जमा करने में हो रही दिक्कतों को देखते हुए बुधवार की शाम संशोधित आदेश जारी किया। इसमें कॉलेजों को कोविड प्रोटोकॉल के नियमों के तहत खोलने के आदेश दिए गए थे।मगर अब सोशल मीडिया में शुक्रवार से एक नया आदेश वायरल हो रहा है। इसमें अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी के कार्यवाहक रजिस्ट्रार के नाम से जारी आदेश में यूनिवर्सिटी व कॉलेजों को स्टुडेंट के लिए बंद करने की बात कही गई है। इस आदेश की सच्चाई जानने के लिए दैनिक भास्कर ने रजिस्ट्रार प्रो. सुधीर शर्मा से बात की। तब उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी से ऐसा कोई आदेश ही जारी नहीं हुआ है।सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने स्टुडेंट के लिए कैंपस खोलने जारी किया है आदेशगुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय ने पूर्व में कलेक्टर के आदेश का हवाला देते हुए कैंपस में स्टुडेंट के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी। बाद में कलेक्टर के संशोधित आदेश जारी करने के बाद यूनिवर्सिटी के कार्यवाहक रजिस्ट्रार ने स्टुडेंट के कॉलेज प्रवेश की अनुमति दी है। इस आदेश में स्पष्ट है कि कोविड प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करते हुए स्टुडेंट पठन-पाठन के साथ ही अकादमिक गतिविधियां कर सकते हैं।सेंट्रल यूनिवर्सिटी के आदेश की हुई है टेम्परिंगअटल बिहारी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. सुधीर शर्मा ने बताया कि जो फर्जी आदेश वायरल हो रहा है। उसे देखने से लग रहा है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी के आदेश को टेम्परिंग किया गया है।
उन्होंने कहा कि हम यूनिवर्सिटी के आदेश को अपने वेबसाइट पर अपलोड करते हैं। ताकि, विद्यार्थियों को भ्रम न हो।