महिला आयोग से दो नर्सिंग स्टाफ ने विस स्वास्थ्य अधिकारी के विरूद्ध की शिकायत
महिला आयोग में महिलाएं किसी भी प्रकार की समस्या व शिकायतें प्रस्तुत कर सकती हैं -डॉ. किरणमयी नायक
राजनांदगांव – छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग अध्यक्ष डॉ. श्रीमती किरणमयी नायक ने शुक्रवर को जिला पंचायत सभाकक्ष में राजनांदगांव जिले से आयोग को प्राप्त प्रकरणों की सुनवाई की। आज सुनवाई में 09 प्रकरण आयोग के समक्ष रखे गए। जिसमें पांच प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया गया।
डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग का उद्देश्य महिलाओं के प्रकरणों का निराकरण अपने जिले में ही शीघ्र करना है। उन्होंने कहा कि पक्षकारों के शिकायतों का त्वरित और सहज निराकरण करने के लिए उसी जिले में लगातार प्रकरणों की सुनवाई कर रहे है। महिलाएं आयोग में अपनी किसी भी तरह की समस्या को लेकर पहुंच सकती हैं। यदि कोई महिला शिकायतों को लेकर थाना और कोर्ट नहीं जाना चाहती, वे अपनी समस्या महिला आयोग के समक्ष प्रस्तुत कर सकती है। उन्होंने कहा कि महिला आयोग में आना सबसे सरल और बिना खर्च का तरीका है। वे अपना आवेदन स्वयं व्हाट्सएप और ऑनलाईन कर सकते हैं। साथ ही अन्य व्यक्ति भी किसी महिला के लिए आवेदन प्रस्तुत कर सकते है। उन्होंने कहा कि शिकायत प्राप्त होने पर प्रकरणों का पंजीयन कर दोनों पक्षों को बुलाकर त्वरित निराकरण किया जाता है। इस अवसर पर राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती अर्चना उपाध्याय उपस्थित थी।
एक प्रकरण में 02 संविदा नर्सिग महिलाओं ने विकासखंड स्वास्थ्य अधिकारी के विरूद्ध आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। जिस पर आवेदिका की ओर से शिकायत संबंधी दस्तावेज पूर्णत: प्रस्तुत नहीं किया गया। शिकायत विस्तृत शपथ पूर्ण कथन में आपेक्षित है इसके पश्चात प्रकरण में सुनवाई किया जायेगा। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इस प्रकरण की सुनवाई सम्पूर्ण दस्तावेज सहित आयोग कार्यालय रायपुर में रखा गया है।
एक प्रकरण में आवेदिकागणों द्वारा अपने महिला उच्चाधिकारी के विरूद्ध प्रस्तुत आवेदन में पर्याप्त दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया। दूसरे बार ज्वाइनिंग के संबंध में कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं है। वहीं अनावेदिका ने अपने समर्थन में विभागीय आदेश का दस्तावेज आयोग को प्रस्तुत किया। साथ ही विद्यालय के पांच सदस्य भी आयोग में उपस्थित रहे। ग्राम सदस्यों का लिखित शिकायत भी प्रस्तुत किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. श्रीमती किरणमयी नायक ने कहा कि आवेदिका की शिकायत तथ्यहीन आधार प्रतीत होती है। आवेदिका अपने सम्पूर्ण प्रकरण की जांच अपने उच्च अधिकारियों से करा सकती हैं। प्रकरण विभाग में ही निराकरण हो सकते हैं। इस आधार पर इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक प्रकरण में उभयपक्ष अनुपस्थित रहे। आवेदिका के आवेदन पत्र में उल्लेखित मोबाइल नंबर पर आयोग की ओर से बात किया गया। जिसमे आवेदिका द्वारा प्रकरण पर समझाईश होने के साथ प्रकरण समाप्ति करने निवेदन किया। इस प्रकार यह प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका अनुपस्थित अनावेदक उपस्थित रहे। अनावेदक ने बताया कि आवेदिका के पुत्र द्वारा संबंधित शिकायत पर पुलिस थाना में जुर्म दर्ज किया जा चुका है। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने के दस्तावेज प्रस्तुत किया गया। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदक लगातार अनुपस्थित रहा। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए आगामी सुनवाई में पुलिस थाना प्रभारी के माध्यम से अनावेदक की उपस्थिति हेतु निर्देशित किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिकागणों ने अपनी शिकायत से इंकार कर कार्रवाई से इंकार किया। इस प्रकार इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। इस अवसर पर शासकीय अधिवक्ता श्रीमती शमीम रहमान, महिला एवं बाल विकास के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।