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बहनों ने भाइयों की कलाई पर प्यार बांधा – राकेश नारायण बंजारे
बहनों ने भाइयों की कलाई पर प्यार बांधा
– राकेश नारायण बंजारे
खरसिया : रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधते हुए उनकी लंबी उम्र की कामनाएं कीं तो वहीं भाइयों ने भी अपनी बहनों के सम्मान की रक्षा का वचन दिया।
यूं तो भाई-बहन का प्यार अनूठा होता है जिसमें नटखटपन, चुलबुलाहट, मीठी-मीठी नोंक-झोंक का तड़का जीवन भर लगा रहता है। भाई-बहन के रिश्ते में एक ऐसा अनोखा प्रेम होता है जिसे देखकर दुनिया आनंद से सराबोर होती है। माता-पिता सहित पूरा समाज भाई-बहन के आपसी स्नेह पर निहाल होते हैं।
इस रिश्ते के पावन प्रेम को प्रकट करने के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं, स्वत: प्रस्फुटित होती है बावजूद हमारी परम्पराओं में श्रावण मास की पूर्णिमा को इस पवित्र प्रेम बंधन का दिवस निर्धारित किया गया है जिसे रक्षाबंधन त्योहार के रूप में सदियों से मनाते आ रहे हैं। रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन जीवन की भागदौड़ में कितने भी व्यस्त रहें.. एक दूसरे से मिलने का समय निकाल लेते हैं और अपनी भावनाओं को पवित्र धागे में पिरोकर व्यक्त करते हैं।
रक्षाबंधन का त्योहार प्राचीन काल से ज्यादा महत्वपूर्ण आज के दिनों में हैं। पहले लोगों में उतनी व्यस्तता नहीं थी। भाई-बहन एक-दूसरे से आसानी से मुलाकात कर लेते थे लेकिन आज के व्यस्ततम जीवन में यदि रक्षाबंधन का त्योहार ना होता तो पता नहीं कितने वर्षों तक भाई-बहन एक-दूसरे से मिले ना होते। कम-से-कम यह एक दिन मुकर्रर करता है कि जीवन में चाहे कितनी भी व्यस्तता या आपाधापी हो बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने जरुर आएगी।
कोरोनावायरस के संकट के कारण पिछले वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार प्रभावित हुआ था। इस वर्ष भी भले ही कोरोनावायरस का छाया मंडराता रहा बावजूद उत्साह कम नहीं हुआ।
बहनों ने आरती, दीया, थाल सजाकर भाइयों की कलाई पर राखी बांधी और भाई के सुखमय लंबी जीवन की कामनाएं कीं। भाइयों ने भी इस अवसर पर प्रेम स्वरूप उपहार प्रदान करते हुए बहनों के सम्मान का आजीवन रक्षा करने का संकल्प लिया।