‘आम छत्तीसगढ़िया की जरूरतों के हिसाब से ही बनाई गई योजनाएं’ : CM भूपेश बघेल, अब ग्रामीणों को गांव में ही मिल रहा रोजगार
‘आम छत्तीसगढ़िया की जरूरतों के हिसाब से ही बनाई गई योजनाएं’ : CM भूपेश बघेल, अब ग्रामीणों को गांव में ही मिल रहा रोजगार
रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि आम छत्तीसगढि़या का अनुभव और उनकी जरूरतें हैं राज्य सरकार की योजनाओं का आधार। यही कारण है कि हमारी योजनाएं आम लोगों तक जमीनी स्तर पर सुगमता से पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि इस बात का संतोष है कि हमारे अन्नदाता आज खुश हैं। लोगों को योजनाओं का लाभ और गांवों में ही रोजगार का जरिया मिल रहा है। इससे लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है और उनमें नया आत्मविश्वास जगा है। मुख्यमंत्री आज राजनांदगांव और धमतरी जिले में 828 करोड़ रूपए के लोकार्पण-भूमिपूजन के वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर राजनादगांव जिले में 556 करोड़ रूपए के 192 विकास कार्यों तथा धमतरी जिले में 271 करोड़ 51 लाख रूपए के 270 नए विकास कार्यों की सौगात दी और शासन की विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों से चर्चा कर उन्हें मिले फायदे
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों की जरूरत को समझते हुए सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी, वनोपज खरीदी, वनोपजों का प्रसंस्करण जैसी अनेक योजनाओं की शुरूआत हुई है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। सुराजी गांव योजना के गौठानों में आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से जहां महिलाएं सशक्त हो रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसानों का खेती किसानी की ओर भरोसा लौटा है। किसानों की संख्या बढ़ी है और खेती का रकबा भी बढ़ा है। गोधन न्याय योजना से ऐसे किसानों और पशुपालकों को भी फायदा हुआ है, जिनके पास न तो खेत है, न पशु है, ये लोग भी केवल गोबर बेचकर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को समितियों से रासायनिक खाद सस्ती दर पर मिले इसकी भी व्यवस्था की गई है। अभी जब रासायनिक खाद की कीमतों में बढोतरी हुई थी, तो इसने किसानों को चिंता में डाल दिया था, इसलिए यह निर्णय लिया गया कि किसानों को समितियों से घटी हुई नई दरों पर खाद दी जाएगी। जिन किसानों ने पहले ही खाद खरीद ली थी, उन्हें नई और पुरानी दर की अंतर की राशि लौटायी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु वनोपजों का संग्रहण करने वाले वनवासियों को इसका लाभ दिलाने के लिए राज्य सरकार ने न सिर्फ समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली लघु वनोपज 7 से बढ़ाकर 52 की, अपितु वनोपजों के संग्रहण का काम करने वाले महिला स्व-सहायता समूहों और सोसायटियों के माध्यम उनका प्रसंस्करण का काम भी दिया गया है। इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना में इस बार नया प्रावधान किया गया है कि जिन खेतों में किसानों ने पिछली बार धान की फसल ली थी, यदि इस बार उनमें धान के बदले दूसरी फसल लेते हैं या फिर वृक्षारोपण करते हैं, तो धान पर मिलने वाली आदान सहायता की तुलना में ज्यादा आदान सहायता राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत ऐसा ही प्रावधान पंचायतों के लिए भी किया गया है। पंचायतें खाली जमीन पर वृक्षारोपण करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनांदगांव जिले में मनरेगा में अच्छा काम हुआ है। वहां इस योजना में 111 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई है। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव जिले में अभी कुछ साल तक नक्सलवादी गतिविधियां विकास में बाधक थी, लेकिन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा, विकास और विश्वास की नीति के अमल से यहां लोगों को मुख्य धारा में जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि छुईखदान-बकरकट्टा मार्ग पर पहाडों को काटकर सड़क बनाने का काम पूरा हो चुका है। 9 मोड़ वाली यह सड़क वनवासियों के जीवन में भी एक नया मोड़ लाएगी। उन्होंने राजनांदगांव और धमतरी जिले में वनवासियों को व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार पट्टों के वितरण के अच्छे काम की भी सराहना की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता गांव, किसानों और गरीबों की उन्नति करना है, बहुमंजिला इमारतों का निर्माण करना नहीं। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाली सरकार है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत वृक्ष लगाने वालों को वृक्ष काटने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं होगी, केवल उन्हें सूचना देनी होगी, काष्ठ परिवहन के लिए भी प्रावधान सरल किए गए हैं। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में पूरी देश में मंदी का असर रहा, लेकिन छत्तीसगढ़ इससे अछूता था। प्रदेश में विकास कार्यों की गति दी जा रही है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि कक्षा 9 वीं और 10 वीं की किताबें 15 जून तक और कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक की किताबें 30 जून तक स्कूलों में पहुंचा दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग में मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद 834 लोगों को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है। उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश में गरीबों और किसानों के हित में अनेक योजनाएं लागू की गई है जिनका लाभ गरीबों, किसानों को मिल रहा है। छत्तीसगढ़ देश का अकेला राज्य है, जहां गोबर खरीद कर लोगों को रोजगार और आय का जरिया मुहैया कराया गया है। कार्यक्रम में राजनांदगांव कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा और धमतरी के कलेक्टर पी.एस. एल्मा ने जिले का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम को राजनांदगांव से जुड़े सांसद संतोष पाण्डेय, संसदीय सचिव इंदर शाह मण्डावी, विधायक छन्नी साहू अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भुवनेश्वर शोभाराम बघेल, पिछड़ा वर्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष दलेश्वर साहू, धमतरी से जुड़े संसदीय सचिव डॉ. लक्ष्मी धु्रव, पूर्व विधायक गुरूमुख सिंह होरा और धमतरी महापौर विजय देवांगन ने भी संबोधित किया।